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अमेरिका (US) के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अगले हफ्ते भारत यात्रा (Lloyd Austin India Visit) पर आ रहे हैं
Lloyd Austin Will Visit India: अमेरिका (US) के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) अगले हफ्ते भारत यात्रा (Lloyd Austin India Visit) पर आ रहे हैं. वह जापान (Japan) और दक्षिण कोरिया (South Korea) की यात्रा पर भी जाएंगे. इस बात की जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन (Pentagon) ने बुधवार को दी है. बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) के वरिष्ठ सदस्य के तौर पर उनकी यह पहली विदेश यात्रा होगी. यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी रक्षा मंत्री की प्रथम विदेश यात्रा में भारत को शामिल किया गया है.
पेंटागन ने कहा, 'ऑस्टिन अंतरराष्ट्रीय रक्षा संबंध के महत्व पर चर्चा करने के लिए अपने समकक्ष मंत्री (राजनाथ सिंह) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. वह स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता भी दोहराएंगे.' पेटांगन ने कहा कि ऑस्टिन 13 मार्च को अपनी पहली विदेश यात्रा की शुरूआत करेंगे. वह हवाई में यूएस हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) कमान मुख्यालय का दौरा करेंगे. वह जापान में अमेरिकी सैनिकों (US Army) और सरकार के शीर्ष नेताओं से मिलेंगे, साथ ही कोरिया और भारत में सरकार के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे.
चीन के प्रति सख्त रुख
ऑस्टिन की भारत यात्रा (Lloyd Austin in India) की तारीख की घोषणा नहीं गई है. हालांकि, उनकी प्रथम विदेश यात्रा के अंतिम चरण का यह पड़ाव स्थल होगा. इससे पहले उन्होंने चीन के प्रति भी सख्त रुख अपनाया था. ऑस्टिन ने कहा था कि चीन क्षेत्र में 'बेहद आक्रामक' रवैया अपनाए हुए है और कुछ मामलों में तो वह 'हमलावर' नजर आ रहा है. ऑस्टिन ने 'एबीसी न्यूज' के एक वार्तालाप कार्यक्रम के दौरान कहा था, 'चीन अपनी सेना को आधुनिक बनाने और क्षमताएं विकसित करने में व्यस्त है. वह उन प्रतिस्पर्धाओं में हमें पछाड़ने की कोशिश कर रहा है, जिनमें हम हमेशा आगे रहे हैं.'
सभी साझेदारों को महत्वपूर्ण बताया
ऑस्टिन ने चीन के पड़ोसी देशों के साथ उसके विवादों की ओर इशारा करते हुए कहा था, 'वे क्षेत्र में बेहद आक्रामक रुख अपनाए हुए है. कुछ मामलों में तो वे हमलावर है. कुछेक बार हमारे साझेदारों को भी निशाने पर लाया गया है. हमारे सभी साझेदार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं.' चीन (Lloyd Austin on China) ने पिछले साल मई में हथियारों से लैस अपने 60 हजार से अधिक सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील जैसे विवादित इलाकों में तैनात कर दिया था, जिसके जवाब में भारत ने भी भारी संख्या में अपने सैनिक तैनात कर दिए थे. इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच आठ महीने से भी अधिक समय तक गतिरोध चलता रहा है.
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