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राष्ट्र मानवाधिकार जांचकर्ताओं ने फेसबुक पर रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया था।
अमेरिका की एक अदालत ने फेसबुक को गोपनीयता के नियमों की आड़ लेकर जांच में सहयोग न करने पर कड़ी लताड़ लगाई है। अदालत ने फेसबुक को निर्देश दिया है कि वह नरसंहार मामले में फेसबुक पर डाली गई रोहिंग्या विरोधी सामग्री का रिकार्ड जांचकर्ताओं को उपलब्ध कराए। रोहिंग्या मुस्लिमों के नरसंहार के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में एक मुकदमा चल रहा है। इसके लिए फेसबुक पर जिन अकाउंट से नफरत फैलाई गई थी, उसका डाटा जांच के लिए मांगा गया है।
अमेरिकी अदालत ने गोपनीयता की आड़ में डाटा न देने पर लगाई लताड़
फेसबुक ने डाटा न देने के लिए अमेरिका के गोपनीयता कानून की आड़ ली थी। वाशिंगटन डीसी में चल रहे इस मामले में अदालत ने फेसबुक को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि रोहिंग्या मुस्लिमों के नरसंहार के संबंध में नफरत फैलाने वाला रिकार्ड फेसबुक ने हटाया है। ऐसी स्थिति में हटाई गई सामग्री के मामले में यह कानून लागू नहीं होता। जांच के लिए फेसबुक हटाए गए डाटा को उपलब्ध कराए।
बड़े पैमाने पर नरसंहार और दुष्कर्म की घटनाएं
उल्लेखनीय है कि सेना के अत्याचार के कारण 2017 में म्यांमार से लगभग 7 लाख 30 हजार रोहिंग्या मुस्लिम पलायन कर गए थे। इस दौरान बड़े पैमाने पर नरसंहार और दुष्कर्म की घटनाएं जानकारी में आई थीं। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार जांचकर्ताओं ने फेसबुक पर रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया था।
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