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अमेरिकी कमांडर का खुलासा: LAC के कई हिस्सों पर अभी भी हैं चीन के सैनिक

Neha Dani
10 March 2021 4:40 AM GMT
अमेरिकी कमांडर का खुलासा: LAC के कई हिस्सों पर अभी भी हैं चीन के सैनिक
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इस तरह विवाद की शुरुआत चीन की तरफ से की गई.

भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव (India-China Standoff) के बीच अमेरिका के एक शीर्ष कमांडर ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर बड़ा खुलासा किया है. दरअसल, चीन (China) द्वारा दावा किए जाने वाले अभी कई फॉरवर्ड पॉजिशन (Forward Position) पर उसका कब्जा है. चीन का दावा है उसने इन पॉजिशन पर भारतीय सुरक्षा बलों (Indian Security Force) के साथ संघर्ष के दौरान कब्जा जमाया.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना (American Army) के इंडो-पैसिफिक कमांड की कमान संभालने वाले एडमिरल फिलिप एस डेविडसन (Philip S. Davidson) अमेरिकी सांसदों को बताया कि वाशिंगटन ने नई दिल्ली को सीमा-विवाद पर सूचना प्रदान की है. इसके अलावा ठंड के मौसम के कपड़े और अन्य उपकरण प्रदान कर उसकी मदद कर रहा है. अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड पर सीनेट में बहस के दौरान उन्होंने इसकी जानकारी दी.
लद्दाख में विवाद वाले कुछ हिस्सों से पीछे हटे हैं दोनों पक्ष के सैनिक
डेविडसन ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अभी तक कई फॉरवर्ड पॉजिशन से अपने कदम पीछे नहीं लिए हैं. इन पॉजिशन पर शुरुआत टकराव के दौरान दावा किया गया था. चीन और भारत के बीच तनाव के परिमाण स्वरूप दोनों पक्ष के सैनिक हताहत हुए हैं. बता दें कि चीनी और भारतीय सशस्त्र बलों ने लद्दाख में पैंगोंग त्सो के आसपास विवाद वाले कुछ हिस्सों से अपने-अपने सैनिकों को वापस ले लिया है. हालांकि, भारतीय पक्ष अभी भी सतर्कता बरत रहा है.
चीन ने शुरु किया सीमा पर विवाद
अमेरिकी कमांडर ने LAC चीनी आक्रामकता की व्याख्या बीजिंग की विस्तारवादी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं के रूप में की है. उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की आवाजाही ने क्षेत्रीय चिंता को उजार कर दिया है. इससे पता चलता है कि चीन अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए बल प्रयोग भी कर सकता है. डेविडसन ने सीमा संघर्ष शुरू करने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, विवादित सीमा के पास चीन की निर्माण वाली गतिविधियों के चलते झड़पें हुईं. PLA के ग्राउंड युद्धाभ्यास और LAC के साथ लगभग 50,000 सैनिकों को तैनात करने के चलते ही भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने सैनिकों की तैनाती को बढ़ाया. इस तरह विवाद की शुरुआत चीन की तरफ से की गई.


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