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अमेरिका ने एनएसओ ग्रुप को किया ब्लॉक

Ritisha Jaiswal
3 Nov 2021 4:40 PM GMT
अमेरिका ने एनएसओ ग्रुप को किया ब्लॉक
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वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए इजरायली स्पाइवेयर कंपनी और पेगासस साफ्टवेयर के निर्माता एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट कर दिया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए इजरायली स्पाइवेयर कंपनी और पेगासस साफ्टवेयर के निर्माता एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वाशिंगटन पोस्ट ने इसकी जानकारी दी है। ब्लैकलिस्टिंग का फैसला यह निर्धारित करने के बाद हुई कि कंपनी के फोन-हैकिंग टूल का इस्तेमाल विदेशी सरकारों द्वारा सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों, व्यापारियों, कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और दूतावास के कर्मचारियों को दुर्भावनापूर्ण रूप से निशाना के लिए किया गया था।


अमेरिकी वाणिज्य विभाग के अनुसार कार्रवाई बाइडन प्रशासन के मानवाधिकारों को अमेरिकी विदेश नीति के केंद्र में रखने के प्रयासों का हिस्सा है। इसमें दमन के लिए उपयोग किए जाने वाले डिजिटल उपकरणों के प्रसार को रोकने के लिए काम करना शामिल है। अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना एम रायमोंडो ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'अमेरिका उन कंपनियों को जवाबदेह बनाने के लिए निर्यात नियंत्रण का आक्रामक तौर पर उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो नागरिकों, असंतुष्टों, सरकारी अधिकारियों और यहां और विदेशों में संगठन के खिलाऱ साइबर सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का संचालन करने के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास करते हैं

यह वैश्विक पेगासस प्रोजेक्ट कंसोर्टियम द्वारा जुलाई में सुर्खियों में आई एक कंपनी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें द वाशिंगटन पोस्ट और दुनियाभर के 16 अन्य समाचार संगठन शामिल हैं। कंसोर्टियम ने एनएसओ के ग्राहकों द्वारा पेगासस स्पाइवेयर के दुरुपयोग का विवरण देते हुए दर्जनों लेख प्रकाशित किए। एनएसओ समूह ने पेगासस परियोजना के निष्कर्षों का लगातार खंडन किया है, जिसमें पाया गया है कि 40 से अधिक देशों में एनएसओ के दर्जनों कानून प्रवर्तन, सैन्य और खुफिया ग्राहक पेगासस के माध्यम से नियमित आधार पर पत्रकारों, राजनेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को लक्षित करते हैं। इसकी मदद से फोन हैक किया जाता है।
द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, एनएसओ ने अतीत में कुछ ग्राहकों के साथ समस्याओं को स्वीकार किया है। बता दें कि भारत में भी इसके कथित इस्तेमाल को लेकर बवाल मचा हुआ है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों वाली एक तकनीकी समिति की देखरेख के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। इसमें साइबर सुरक्षा, डिजिटल फोरेंसिक, नेटवर्क और हार्डवेयर के विशेषज्ञ शामिल हैं। समिति पेगासस स्पाइवेयर मामले की जांच करेगी।


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