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अमेरिका ने कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने वाले रॉ मटेरियल के निर्यात पर लगाया बैन, जब भारत से पूछा सवाल तो जवाब से किया इनकार

Neha Dani
20 April 2021 6:35 AM GMT
अमेरिका ने कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने वाले रॉ मटेरियल के निर्यात पर लगाया बैन, जब भारत से पूछा सवाल तो जवाब से किया इनकार
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असाधारण समय के लिए असाधारण नेतृत्व, संचार और रचनात्मकता की आवश्यकता होती है.

अमेरिका (America) ने कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) बनाने के लिए प्रयोग होने वाले कुछ रॉ मटेरियल (Raw material) के निर्यात पर बैन (Export Ban) लगाया हुआ है. सोमवार को जब इस संबंध में दो बार व्हाइट हाउस (White House) से सवाल किया गया तो उसने इसका जवाब देने से इनकार कर दिया. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने अमेरिका से गुजारिश की है कि वह बैन को हटा दे, ताकि वैक्सीन के प्रोडक्शन में तेजी आ सके.

रॉ मटेरियल पर लगे बैन को लेकर सोमवार को दो बार सवाल किया गया. सबसे पहले सुबह के समय कोविड-19 पर होने वाली व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस सवाल को उठाया गया. फिर व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जैन पास्की द्वारा किए जाने वाले डेली न्यूज कॉन्फ्रेंस में रॉ मटेरियल पर लगे बैन को लेकर पूछा गया. हालांकि, दोनों ही बार व्हाइट हाउस की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया. भारत में कोरोना से उत्पन्न हुए वर्तमान हालात को देखते हुए अमेरिका को इस प्रतिबंध को हटाने पर विचार करना चाहिए.
रिपोर्टर ने बैन को लेकर पूछा सवाल तो मिला ये जवाब
व्हाइट हाउस कोविड-19 रिस्पांस टीम द्वारा सुबह होने वाले समाचार सम्मेलन के दौरान एक रिपोर्टर ने पूछा, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कह रहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन ने वैक्सीन बनाने के लिए प्रयोग होने वाले रॉ मटेरियल के निर्यात को रोका हुआ है. सीरम ने बाइडेन से भी आग्रह किया है उन्हें इस प्रतिबंध को हटाना चाहिए. इसलिए मैं पूछना चाहता हूं कि कौन से रॉ मटेरियल यहां से जारी किए गए हैं? और क्या आपके पास सीरम की समस्या को दूर करने की कोई योजना है?
कोविड-19 रिस्पांस टीम के वरिष्ठ सलाहकार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिसीज के डायरेक्टर डॉ एंथनी फौसी और डॉ एंडी स्लेवीट दोनों ने कहा कि उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है. डॉ फौसी ने कहा, मुझे माफ करिएगा, मुझे नहीं मालूम है. मुझे आपके सवाल का जवाब देना चाहिए. लेकिन अभी मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है. वहीं, डॉ स्लेवीट ने कहा, हम महामारी के वैश्विक खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं. हमने COVAX को फंडिंग दी है. द्विपक्षीय तरीके से वैक्सीन दी गई है और हर जटिल समस्या को सुलझाने के लिए जुटे हुए हैं.
एक अन्य रिपोर्टर ने पूछा तो दिया ये जवाब
ऐसा ही एक सवाल डेली न्यूज कॉन्फ्रेंस में पूछा गया. एक रिपोर्टर ने सवाल किया, भारत वैक्सीन बनाने के लिए जरूरी रॉ मटेरियल की कमी से जूझ रहा है. वहां के अधिकारी मटेरियल पर लगे बैन को हटाने के लिए आग्रह कर रहे हैं. भारत में मेरे सहयोगियों ने बताया है कि बाइडेन प्रशासन ने हाल ही में भारत को बताया कि उसके अनुरोध पर विचार किया जा रहा है और जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी. क्या आप उस पर और कुछ समयरेखा के बारे में कुछ और जानकारी दे सकती हैं?
इसके जवाब में जैन पास्की ने WTO में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई द्वारा हाल ही में दिए गए एक भाषण का जिक्र किया. उन्होंने कहा, विकसित और विकासशील देशों के बीच वैक्सीन की पहुंच में हम जो महत्वपूर्ण असमानताएं देख रहे हैं, वे पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. असाधारण समय के लिए असाधारण नेतृत्व, संचार और रचनात्मकता की आवश्यकता होती है.


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