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जिनके साथ अमेरिकी दूतावास सुरक्षा अभियान में 650 सैनिक होंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की घोषणा के मुताबिक अमेरिकी सेना ने करीब 20 वर्ष से अफगानिस्तान में जारी युद्ध के बाद बगरान एयरफील्ड को छोड़ दिया है।
यह एयरफील्ड तालिबान को खदेड़ने व 9/11 हमले के बाद अलकायदा आतंकियों की धरपकड़ के लिए सेना का सबसे अहम केंद्र रहा है। शुक्रवार से यहां अमेरिकी और नाटो सेनाओं की वापसी शुरू हो गई।
अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बताया कि एयरफील्ड 'अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा बल' को पूरी तरह से सौंप दिया गया है। 11 सितंबर 2021 को अमेरिकी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले को 20 साल पूरे हो जाएंगे और एक मई से अमेरिका ने सैन्य वापसी का फैसला लिया जो 11 सितंबर तक पूरा होना है।
एक अधिकारी के मुताबिक, बलों की रक्षा का अधिकार व क्षमताएं अफगानिस्तान में अब भी अमेरिका के शीर्ष कमांडर जनरल ऑस्टिन एस. मिलर के पास हैं। अमेरिका द्वारा इस क्षेत्र को छोड़ने से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि अफगानिस्तान में बचे आखिरी अमेरिकी सैनिक यहां से निकल चुके हैं या इसे छोड़कर जाने वाले हैं।
बाइडन की घोषणा से स्पष्ट हो गया था कि अमेरिकी तथा उसके नाटो सहयोगियों के करीब 7,000 सैनिक चार जुलाई के आसपास वापसी करेंगे। इस दिन अमेरिका स्वतंत्रता दिवस मनाता है।
हथियारों की सूची अफगान सेना को सौंपी जा रही
अफगानिस्तान में अभी 2500 से ज्यादा अमेरिकी और नाटो देशों के 7000 सैनिक तैनात हैं। सेना अपने साजो सामान का हिसाब-किताब कर रही है। कुछ सामान और हथियारों की सूची बनाकर अफगानिस्तान की सेना को सौंपी जा रही है। कुछ सामान अफगानिस्तान के बाजार में बेचा गया है और जो उपकरण अमेरिका ले जाने हैं, उनको सी-17 कार्गो विमान में लादा जा रहा है।
तालिबान बढ़ा रहा ताकत
हाल ही में अफगानिस्तान में शीर्ष अमेरिकी सैन्य कमांडर ने कहा था कि अमेरिका की सेना लौटने के बाद यहां गृहयुद्ध का खतरा बढ़ जाएगा।
सैन्य कमांडर जनरल स्कॉट मिलर का यह बयान अफगानिस्तान के 370 में से 50 जिलों में तालिबान का कब्जा होने के खुलासे के ठीक बाद आया था। तालिबान ने देश के राज्यों की राजधानियों के पास वाले शहरों तक अपना कब्जा कर लिया है जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं।
सेना की वापसी के बीच अमेरिका ने खुला रखा हवाई हमलों का विकल्प
अफगानिस्तान में बचे अमेरिका के अंतिम सैनिक जहां देश छोड़कर जाने के बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनकी सेना सितंबर तक युद्ध में शामिल रहेगी और अफगान बलों के बचाव के लिए तालिबान के खिलाफ हवाई हमले के विकल्प खुला रहेगा। इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि अफगानिस्तान में शीर्ष अमेरिकी कमांडर जनरल स्कॉट मिलर भी लौट आएंगे।
हालांकि युद्ध में अमेरिकी दखल अभी खत्म नहीं होगा। अधिकारियों ने बताया है कि जब मिलर अफगानिस्तान छोड़ देंगे तब तालिबान पर हमले करने समेत उनके अधिकार एवं अलकायदा समेत अन्य समूहों के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अभियान की जिम्मेदारी प. एशिया में तैनात जनरल फ्रैंक मैक्केंजी 300 सैनिकों के साथ संभालेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि हाल के हफ्तों में अफगान बलों के समर्थन में अमेरिका ने कई हवाई हमले किए हैं और ये हमले जारी रहेंगे। अफगानिस्तान में नए अमेरिकी कमांडर रियर एडमिरल पीटर वाज्ले होंगे जिनके साथ अमेरिकी दूतावास सुरक्षा अभियान में 650 सैनिक होंगे।
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