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US और यूरोपीय देशों ने रूस को SWIFT से बाहर करने की दी धमकी, जानें क्‍या है SWIFT और रूस पर इसके प्रतिबंधों का क्‍या पड़ेगा असर

Bhumika Sahu
26 Feb 2022 5:10 AM GMT
US और यूरोपीय देशों ने रूस को SWIFT से बाहर करने की दी धमकी, जानें क्‍या है SWIFT और रूस पर इसके प्रतिबंधों का क्‍या पड़ेगा असर
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Russia Ukraine War स्विफ्ट एक वैश्विक बैंकिंग प्रणाली है और यह पहली बार नहीं है जब रूस को SWIFT से प्रतिबंधित करने की धमकी दी जा रही है। 2014 में मास्को के क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद अमेरिका ने रूस को स्विफ्ट से अलग करने का आह्वान किया था।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद से यूएस समेत कई यूरोपीय देशों ने प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया है। वहीं पश्चिम-प्रेरित प्रतिबंधों के हिस्से के रूप में स्विफ्ट से रूस को प्रतिबंधित किए जाने की भी बात बड़े स्तर पर हो रही है। हालांकि इन देशों को ये प्रतिबंध लागू करने से पहले अपने हित भी सता रहे हैं। बता दें कि SWIFT एक वैश्विक बैंकिंग प्रणाली है और यह पहली बार नहीं है जब रूस को SWIFT से प्रतिबंधित करने की धमकी दी जा रही है। 2014 में मास्को के क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद अमेरिका ने रूस को स्विफ्ट से अलग करने का आह्वान किया था। आइये जानते हैं कि स्विफ्ट क्या है और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग के लिए यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है।

क्या है SWIFT?
स्विफ्ट (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) वैश्विक बैंकिंग सेवाओं के जीमेल के रूप में कार्य करने वाली एक प्रणाली है। वर्ष 1973 में इसकी स्थापना टेलेक्स प्रणाली पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए की गई थी, यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली थी जिसका उपयोग अतीत में विशेष रूप से लिखित संदेश भेजने के लिए किया जाता था। बता दें कि स्विफ्ट 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में 11,000 से अधिक वित्तीय संस्थानों और कंपनियों के बीच सुरक्षित संदेश देता है। स्विफ्ट की खासियत है कि वह एक दिन में औसतन 40 मिलियन संदेश भेज सकता है जिसमें भुगतान, ट्रेड और मुद्रा विनिमय के लिए आर्डर और पुष्टिकरण शामिल हैं। यह एक सदस्य-स्वामित्व वाली सहकारी समिति है जो बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में स्थित है। स्विफ्ट कोई जमा नहीं रखता है, इसको नेशनल बैंक आफ बेल्जियम और यू.एस. फेडरल रिजर्व सिस्टम, यूरोपीय सेंट्रल बैंक, बैंक आफ इंग्लैंड, बैंक आफ जापान और अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों के प्रतिनिधि देखते हैं।
SWIFT क्यों है महत्वपूर्ण, जानें
स्विफ्ट की महत्वपूर्ण भूमिका इस तथ्य से निर्धारित की जा सकती है कि जब 2012 में कुछ ईरानी बैंकों को स्विफ्ट से बाहर कर दिया गया था, तो ईरान का तेल निर्यात 2011 में एक दिन में 3 मिलियन बैरल से अधिक गिरा था और कुछ वर्षों बाद एक दिन में लगभग 1 मिलियन बैरल तक गिर गया था। दूसरी और जब 2014 में रूस को स्विफ्ट से बाहर करने की धमकी दी गई थी तो रूस के पूर्व वित्त मंत्री एलेक्सी कुद्रिन ने इस तरह के कदम के कारण संभावित सकल घरेलू उत्पाद के 5% संकुचन के बारे में चेतावनी दी थी जिसके बाद कोइ कदम नहीं उठाया गया था। बता दें कि 2020 में स्विफ्ट पर रूस का कुल लेनदेन का 1.5% हिस्सा था।
SWIFT से बाहर होने पर रूस और अन्य देशों पर क्या पड़ेगा असर?
अगर रूस को स्विफ्ट से बाहर कर दिया जाता है तो रूस के अंदर या उससे बाहर पैसे भेजना लगभग असंभव हो जाएगा, और इससे उसे विदेशी मुद्रा प्राप्त नहीं होगी। इस फैसले से रूस की कंपनियों और उसकी अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका लगेगा। हालांकि इसका एक खराब परिणाम यह भी होगा कि दूसरे देशों को रूस का सामान जैसे तेल, गैस, धातु आदि भी प्राप्त नहीं हो सकेंगे। स्विफ्ट नेटवर्क से कटऑफ सभी अंतरराष्ट्रीय लेनदेनों को समाप्त कर देगा, मुद्रा में अस्थिरता को ट्रिगर करेगा, और बड़े पैमाने पर पूंजी आउटफ्लो का कारण होगा। गौरतलब है कि अगर रूस को स्विफ्ट से डिसकनेक्ट किया गया तो संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी को सबसे अधिक नुकसान होगा क्योंकि उनके बैंक, रूसी बैंकों के साथ संवाद करने के लिए स्विफ्ट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
क्या रूस के पास है स्विफ्ट का कोई उपाय?
बता दें कि 2014 से रूस ने रूसी और विदेशी बैंकों के लिए अपनी वित्तीय संदेश प्रणाली चलाई है। इसने एसपीएफएस (बैंक ऑफ रूस की वित्तीय संदेश प्रणाली) नामक एक वैकल्पिक संदेश प्रणाली विकसित की गई है जो घरेलू भुगतान का लगभग पांचवां हिस्सा संभालती है। रूस के केंद्रीय बैंक के अनुसार अभी फिलहाल इसके केवल 400 उपयोगकर्ता हैं और यह वित्तीय लेनदेन पर इलेक्ट्रॉनिक संदेश भेजने के लिए एक विश्वसनीय और सुरक्षित चैनल है।


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