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धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी राजदूत रशद हुसैन ने भारत के खिलाफ उगला जहर, बोले- यहां नरसंहार का खतरा, जानिए क्या-क्या कहा

Renuka Sahu
1 July 2022 4:00 AM GMT
US Ambassador Rashad Hussain spews venom against India regarding religious freedom, said - danger of genocide here, know what he said
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फाइल फोटो 

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी राजदूत रशद हुसैन ने गुरुवार को भारत में नरसंहार का खतरा जताया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी राजदूत रशद हुसैन (US Ambassador Rashad Hussain) ने गुरुवार को भारत में नरसंहार का खतरा जताया है. उन्होंने कई घटनाओं और बयानों का जिक्र करते हुए भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला. भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मसले पर एक अमेरिकी समिति के समक्ष बोलते हुए हुसैन ने कहा कि अर्ली वॉर्निंग प्रोजेक्ट (होलोकॉस्ट से जुड़ा) ने भारत को उन देशों की सूची में दूसरे स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां सामूहिक हत्याओं (Mass Killings) का सबसे अधिक खतरा है. उन्होंने कहा कि उनकी चिंताओं को लेकर अमेरिका भारत से सीधे बातचीत कर रहा है.

उन्होंने नागरिकता (संशोधन) कानून और 'नरसंहार के खुले आह्वानों' का हवाला दिया और कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार खतरे में हैं. उन्होंने कहा, 'हमने चर्चों पर हमले, घरों को तोड़ना, हिजाब पर प्रतिबंध देखा है. हमने बयानबाजी देखी, जो खुलेतौर पर इस्तेमाल की जा रही है जो लोगों के प्रति इस हद तक अमानवीय है कि एक मंत्री ने मुसलमानों को दीमक तक बता दिया.' हुसैन ने मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों और आदिवासियों का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी समाज को अपनी क्षमता के अनुरूप जीने के लिए, सभी लोगों के अधिकार सुरक्षित रहने चाहिए. उन्होंने कहा, 'दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र एक ऐसा देश है जहां, हमारे देश की तरह, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम अपने मूल्यों पर खरे उतरें ताकि हम अपनी क्षमता तक पहुंच सकें. यह तभी हो सकता है जब हमारी भागीदारी पूरी हो, सभी लोगों की समान भागीदारी हो.'
धार्मिक स्वतंत्रता पर तैयार की थी रिपोर्ट
हुसैन के कार्यालय ने ही हाल में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जारी किया था. इसमें 'धार्मिक स्थलों और लोगों पर बढ़ते हमलों को लेकर चिंता' जताई गई थी. रशद हुसैन ने अपनी भारतीय जड़ों का जिक्र किया और कहा कि अमेरिका के पास दुनिया में कहीं भी धार्मिक आजादी पर बोलने का अधिकार है. हालांकि भारत ने विदेश विभाग की धार्मिक आजादी को लेकर जारी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और अधिकारियों की टिप्पणियों को अनुचित कहा था. भारत ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 'वोट बैंक की राजनीति' अंतरराष्ट्रीय संबंधों में दखल दे रही है. भारत ने अमेरिका से पक्षपाती विचारों के आधार पर आकलन नहीं करने का भी अनुरोध किया था.
उदयपुर घटना पर भी बोले
वहीं हुसैन ने गुरुवार को ये भी कहा कि चुनौतियों पर ध्यान देना और उन्हें संबोधित करने के लिए मिलकर काम करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका सीधे भारत के साथ बातचीत कर इन मुद्दों को उठा रहा है. हुसैन ने कहा, 'यह जरूरी है कि हम साथ में काम करें, सभी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ें.' हुसैन ने उदयपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा, 'अगर किसी पर हमला हुआ है, कल एक हमला हुआ था, जो घृणित था. हमें उसकी भी निंदा करनी चाहिए.' बता दें उदयपुर में दो मुस्लिम पुरुषों ने एक हिंदू दर्जी की बेरहमी से हत्या कर दी. वो भी केवल इसलिए क्योंकि वह कथित तौर पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन कर रहा था. इन आरोपियों ने एक वीडियो अपलोड कर खुलेतौर पर हथियार दिखाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को धमकी दी.
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