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जिसमें काता'इब हिज्बुल्लाह और काता'इब सैय्यद अल-शुहादा शामिल थे.
अमेरिकी सैनिकों (US Troops) के ऊपर सोमवार को सीरिया (Syria) के पूर्वी हिस्से में रॉकेट से हमला (Rocket Attack) किया गया. इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. अमेरिकी सैनिकों पर ये हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी वायुसेना (US Air Force) के लड़ाकू विमानों ने इराक-सीरिया सीमा (Iraq-Syria Border) के करीब एयरस्ट्राइक (Airstrike) की थी. इस हवाई हमले को लेकर पेंटागन (Pentagon) ने कहा था कि यहां पर ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों का अड्डा था, जो इराक के भीतर ड्रोन के जरिए होने वाले हमलों के जिम्मेदार थे.
इराक की सेना (Iraq Military) ने अमेरिकी हवाई हमलों की निंदा की था. वहीं, मिलिशिया समूहों ने अमेरिका से बदले लेने की बात कही. पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि मिलिशिया समूह इन अड्डों का प्रयोग इराक में अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ ड्रोन हमले के लिए कर रहे थे. इस साल की शुरुआत में अमेरिका की सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन ने इस क्षेत्र में दूसरी बार सैन्य कार्रवाई की. रविवार देर रात हुई अमेरिकी सेना की एयरस्ट्राइक का आदेश बाइडेन ने खुद दिया था. इससे पहले उन्होंने फरवरी में भी ऐसा ही एक आदेश दिया था.
अमेरिका सेना ने भी रॉकेट हमले का दिया जवाब
दूसरी ओर, इस बात के संकेत नहीं हैं कि रविवार को हुई कार्रवाई का मतलब सीमा वाले इलाकों में एक बड़ा और व्यापक अमेरिकी हवाई हमला करना है. लेकिन बगदाद स्थित अमेरिकी सैन्य मिशन के प्रवक्ता कर्नल वेन मारोटो ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा, स्थानीय समयानुसार शाम 7:44 बजे सीरिया में अमेरिकी सेना पर रॉकेट से कई हमले किए गए. उन्होंने कहा कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है और हमले से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. मारोटो ने बाद में ट्वीट किया कि रॉकेट हमले के दौरान सीरिया में अमेरिकी सेना ने आत्मरक्षा में रॉकेट लॉन्चिंग पॉजिशन पर तोप से हमला कर जवाब दिया.
हिज्बुल्लाह और सैय्यद अल-शुहादा करते थे इन अड्डों का इस्तेमाल
वहीं, जॉन किर्बी ने कहा कि रविवार को अमेरिकी सेना ने तीन ऑपरेशन और हथियार भंडारण सुविधा को निशाना बनाया. इसमें से दो सीरिया में और एक इराक में थे. वायु सेना के F-15 और F-16 लड़ाकू विमानों द्वारा किए गए हमलों के वीडियो जारी कर पेंटागन ने एक टार्गेट को उन्नत पारंपरिक हथियारों के शिपमेंट और ट्रांसफर के लिए एक समन्वय केंद्र के रूप में बताया. किर्बी ने कहा कि ये एयरस्ट्राइक रक्षात्मक थीं और उन्होंने कहा कि इन्हें मिलिशिया द्वारा किए गए हमलों के जवाब में किया गया. पेंटागन ने कहा कि इन अड्डों का इस्तेमाल ईरान समर्थित मिलिशिया गुटों द्वारा किया गया था, जिसमें काता'इब हिज्बुल्लाह और काता'इब सैय्यद अल-शुहादा शामिल थे.
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