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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तिब्बत दौरे को लेकर अफगानिस्तान में अमेरिका की एयरस्ट्राइक

Admin4
23 July 2021 4:16 PM GMT
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तिब्बत दौरे को लेकर अफगानिस्तान में अमेरिका की एयरस्ट्राइक
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जहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) भारत के साथ जारी सीमा विवाद के बीच तिब्बत (Tibet) पहुंचे तो वहीं, अमेरिका (America) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के भीतर हवाई हमले (Airstrike) किए

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- दुनिया में शुक्रवार को हुई कुछ प्रमुख घटनाओं ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. जहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) भारत के साथ जारी सीमा विवाद के बीच तिब्बत (Tibet) पहुंचे तो वहीं, अमेरिका (America) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के भीतर हवाई हमले (Airstrike) किए. इन हमलों के जरिए तालिबान (Taliban) के कई ठिकानों को तबाह कर दिया गया. दूसरी तरफ, पेगासस (Pegasus) नाम का 'जिन्न' अभी 'चिराग' में बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. यही वजह है दुनियाभर में इस मेलवेयर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. ऐसे में इजरायल ने एनएसओ समूह के निगरानी सॉफ्टवेयर के दुरुपयोग के आरोपों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है. तालिबान ने अफगानिस्तान ने शांति के लिए एक शर्त रखी है, जिसे लेकर भी काफी चर्चा हुई है. इसके अलावा, पेगासस मामले में पाकिस्तान ने भारत पर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की जासूसी का आरोप लगाया है और कहा है कि वह UN से जांच की मांग करेगा.

(1.) चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को तिब्बत पहुंचे. जिनपिंग अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली सीमा के नजदीक बसे शहर न्यिंगची पहुंचे. चीनी राष्ट्रपति का दौरा भारत के साथ जारी सीमा तनाव के बीच आया. वहीं, कहा गया कि साल 2011 में सत्ता संभालने के बाद ये उनका पहला तिब्बत का दौरा रहा.
(2.) अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया कि अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान के भीतर एयरस्ट्राइक कर तालिबान के कई ठिकानों को तबाह कर दिया. हालांकि, इस हवाई हमले में तालिबान को कितना नुकसान हुआ और उसके कितने आतंकी मारे गए इसकी जानकारी नहीं दी गई.
(3.) इजरायल ने NSO समूह के निगरानी सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर हो रहे विवाद के बीच एक बड़ा फैसला लिया. इसने पेगासस को लेकर लग रहे आरोपों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है. कहा गया है कि समीक्षा के बाद क्या सुधार किए जाने चाहिए. इस पर फैसला किया जाएगा.
(4.) तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन (Suhail Shaheen) ने एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में अफगानिस्तान में शांति बरकरार रखने को लेकर एक शर्त रखी. शाहीन ने अपनी शर्त में कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी (Afghanistan President) के सत्ता छोड़ते ही देश में शांति स्थापित की जाएगी.



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