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नेपाल के प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के बाद नेपाल में हंगामा मच गया

Sonam
7 July 2023 5:26 AM GMT
नेपाल के प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के बाद नेपाल में हंगामा मच गया
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नेपाल के पीएम पुष्प कमल दाहाल प्रचंड की एक टिप्पणी के बाद नेपाल में हंगामा खड़ा हो गया है। इसके बाद विपक्ष पीएम से इस्तीफा मांग रहा है।

पीएम प्रचंड ने एक कार्यक्रम के दौरान बोला कि यहां बसे एक भारतीय व्यवसायी ने उन्हें पीएम बनाने की ‘एक बार कोशिश’ की थी। प्रचंड ने यह भी बोला कि नेपाल में ट्रांसपोर्ट बिजनेस से जुड़े प्रसिद्ध व्यवसायी सरदार प्रीतम सिंह ने नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने में विशेष और ऐतिहासिक किरदार निभाई है।

प्रचंड ने ‘रोड्स टू द वैली: द लीगेसी ऑफ सरदार प्रीतम सिंह इन नेपाल पुस्तक के विमोचन पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। पीएम प्रचंड ने कहा, ‘उन्होंने (सिंह ने) एक बार मुझे पीएम बनाने की प्रयास की थी’। प्रचंड के मुताबिक, ‘वह मुझे पीएम बनाने के लिए कई बार दिल्ली गए और काठमांडू में नेताओं के साथ कई दौर की वार्ता की।’ प्रचंड के इस बयान की कई लोगों ने आलोचना की है.

विपक्ष ने कहा हमला

मुख्य विपक्षी दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) (सीपीएन-यूएमएल) ने पीएम के इस्तीफे की मांग की। विपक्ष ने बुधवार को संसद के ऊपरी सदन राष्ट्रीय सभा की कार्यवाही को बाधित कर दिया, जिसके बाद कार्यवाही बृहस्पतिवार दोपहर तक स्थगित कर दी गई।

सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली ने बोला कि वे पीएम से स्पष्टीकरण नहीं, इस्तीफा चाहते हैं। पूर्व पीएम ओली ने प्रचंड के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, उनकी टिप्पणी ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता, गरिमा, संविधान और संसद को झटका दिया है।

इसी तरह, प्रचंड की टिप्पणियों के विरोध में विपक्षी दलों- यूएमएल, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने निचले सदन प्रतिनिधि सभा की कार्यवाही को बाधित किया, जिसके बाद इसको शुक्रवार दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

‘दिल्ली से नियुक्त पीएम नहीं चाहिए’

सीपीएन-यूएमएल और आरपीपी के सदस्यों ने नारे लगाए कि नयी दिल्ली के बनाए पीएम को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।

यूएमएल के सांसद रघुजी पंत ने निचले सदन में कहा, पीएम को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। हमें दिल्ली से नियुक्त पीएम की जरूरत नहीं है।

प्रचंड के बयान पर न केवल विपक्ष, बल्कि सत्ताधारी दलों ने भी अपना असंतोष जताया है। नेपाली कांग्रेस पार्टी के महासचिव विश्व प्रकाश शर्मा ने कहा, पीएम की टिप्पणी निंदनीय और अनुचित है। पीएम प्रचंड ने बोला कि सिंह को लेकर उनके बयान को हंगामा खड़ा करने के लिए तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।

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