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UNSC ने किए चौंकाने वाले खुलासे, काबुल में लादेन के बेटे ने तालिबान से की मुलाकात

Renuka Sahu
7 Feb 2022 4:37 AM GMT
UNSC ने किए चौंकाने वाले खुलासे, काबुल में लादेन के बेटे ने तालिबान से की मुलाकात
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फाइल फोटो 

अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद से तालिबान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सरकार को मान्यता दिलाने के लिए खूब हाथ पैर मार रहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता हथियाने के बाद से तालिबान (Taliban) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सरकार को मान्यता दिलाने के लिए खूब हाथ पैर मार रहा है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की रिपोर्ट में अफगानिस्तान को लेकर बड़े खतरे का संकेत दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकायदा (Al-Qaeda)के मारे गए आतंकी ओसामा बिन लादेन के बेटे ने अक्टूबर 2021 में तालिबान से मुलाकात की थी. यूएनएससी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में आतंकी संगठन इंस्लामिक स्टेट और अल-कायदा की गतिविधियों को लेकर जानकारी दी है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पाबंदी नियंत्रण समिति की 29 वीं रिपोर्ट इसी सप्ताह जारी की गई है. संयुक्त राष्ट्र साल में दो बार इस तरह की रिपोर्ट तैयार करता है, ताकि इस्लामिक स्टेट व अलकायदा जैसे संगठनों के आतंकियों पर पाबंदियों को और सख्त किया जा सके. रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन के बेटे ने अक्टूबर में अफगानिस्तान जाकर तालिबान के नेताओं से मुलाकात की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, 'एक मेम्बर स्टेट ने बताया कि बिन लादेन के बेटे अब्दुल्ला ने तालिबान के साथ बैठक के लिए अक्टूबर में अफगानिस्तान का दौरा किया था. वर्तमान अल-कायदा प्रमुख ऐमान अल-जवाहिरी को जनवरी 2021 तक जीवित बताया गया था. लेकिन, यूएन के सदस्य देशों का मानना है कि उसका स्वास्थ्य खराब है. आतंकवादी संगठन AQIS, जिसका सरगना ओसामा महमूद है, अफगानिस्तान के कई प्रांतों में मौजूद है. रिपोर्ट के मुताबिक अनुमान है कि AQIS के पास 200 से 400 लड़ाके मौजूद हैं.
अफगानिस्तान के कई प्रांतों में मौजूदगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्यूआईएस (अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट) का नेतृत्व ओसामा महमूद और उसका डिप्टी आतिफ याह्या गौरी कर रहे हैं. इसकी मौजूदगी 'अफगानिस्तान के गजनी, हेलमंद, कंधार, निमरुज, पक्तिका और जाबुल प्रांतों में है. जहां समूह ने अशरफ गनी की अपदस्थ सरकार के खिलाफ तालिबान के साथ लड़ाई लड़ी थी.' रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा अनुमान है कि AQIS के 200 से 400 लड़ाके हैं. जो मुख्य रूप से अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत, म्यांमार और पाकिस्तान से हैं. तालिबान ने विदेशी आतंकवादियों की गतिविधियों को सीमित करने के लिए कुछ नहीं किया है.
चीन विरोधी समूह पर लगाम लगाई
रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने चीन विरोधी आतंकवादी समूह तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी (टीआईपी), जिसे पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) भी कहा जाता है, पर लगाम लगाने के लिए काम किया है. इसमें बताया गया है कि एक्यूआईएस से लेकर इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान (IMU) तक, विदेशी आतंकवादी समूह हाल के वर्षों की तुलना में अफगानिस्तान में इस समय अधिक स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं. बता दें तालिबान ने बीते साल 15 अगस्त को पश्चिम समर्थित सरकार को गिराते हुए अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.
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