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2016 की तुलना में आजतक के इतिहास का सबसे गर्म साल बन सकता है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में में चेतावनी दी गई है कि अगले पांच साल में धरती का तापमान अस्थायी रूप से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। बुधवार को जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अब 40 फीसदी संभावना है कि अगले पांच वर्षों में वैश्विक तापमान अस्थायी रूप से पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। साथ में यह भी कहा गया है कि संभावना का प्रतिशत साल दर साल तेजी से बढ़ रहा है।
पेरिस जलवायु समझौते के करीब पहुंच रही दुनिया
दुनिया पहले से ही पेरिस जलवायु समझौते में निर्धारित दीर्घकालिक वार्मिंग 1.5-डिग्री सीमा को पार कर रही है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह जलवायु परिवर्तन के सबसे विनाशकारी प्रभावों से बचने के लिए अंतिम सीमा है। पेरिस समझौते का लक्ष्य एक साल के बजाय 30 साल के औसत से अधिक तापमान को देखना है।
तापमान बढ़ने के दिखेंगे विनाशकारी परिणाम
जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, वाष्पीकरण की दर बढ़ती है और गर्म हवा अधिक नमी धारण कर सकती है। जलवायु परिवर्तन भी वातावरण और महासागर में परिसंचरण पैटर्न को बदल सकता है। WMO की रिपोर्ट में अटलांटिक महासागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के बढ़ने की संभावना की भविष्यवाणी की गई है। इससे उत्तरी अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम में सूखे होने की संभावना है। इतना ही नहीं अफ्रीका के साहेल और ऑस्ट्रेलिया में बाढ़ आ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र ने बताया खतरे की घंटी
संयुक्त राष्ट्र विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) के महासचिव पेटेरी तालास ने बताया कि यह इस बात को रेखांकित करता है कि हम उस सीमा के और करीब पहुंच गए हैं। इतना ही नहीं हम आगे आने वाले वर्षों में इस खतरे के और नजदीक पहुंच रहे हैं। तालास ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए किए गए इस अध्ययन को जागने वाली खतरे की घंटी करार दिया है।
अगले 5 साल में बन सकता है सबसे गर्म साल का रिकॉर्ड
अध्ययन के अनुसार, 2021 से 2025 तक हर साल कम से कम 1 डिग्री सेल्सियस गर्म रहने की संभावना है। रिपोर्ट में 90 फीसदी संभावना की भी भविष्यवाणी की गई है कि उन वर्षों में से कोई एक2016 की तुलना में आजतक के इतिहास का सबसे गर्म साल बन सकता है।
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