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यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना: कोरोना वायरस को पनपने के लिए मिला था ऐसा माहौल कि मचा दी तबाही

Neha Dani
21 March 2021 2:43 AM GMT
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना: कोरोना वायरस को पनपने के लिए मिला था ऐसा माहौल कि मचा दी तबाही
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रिसर्चरों ने बताया कि अगर वायरस ग्रामीण इलाकों में फैलता तो ये शहरी इलाकों में भी पहुंच जाता।

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया और ये इसलिए हो सका क्योंकि इसे पनपने के लिए उपयुक्त माहौल मिला। एक नए अध्ययन में ये बात सामने आई है। यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना ने पता लगाया कि चीन के वुहान में हुआन के सीफूड मार्केट में वायरस ने तेजी से पैर पसारे।

टीम ने पता लगाया कि सार्स कोव-2 वायरस पूरे चीन में किस तरह फैला। साथ ही पता लगाया कि अक्तूबर 2019 तक वायरस इंसानों में नहीं फैला था। बाद में सामने आया था कि कोविड-19 वुहान के लैब से ये लीक नहीं हुआ था। डब्ल्यूएचओ की टीम ने इसे लेकर जांच-पड़ताल की थी।
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के प्रोफेसर माइकल वुरुबे ने सीएनएन को बताया कि वायरस को पनपने का माहौल मिल गया था। अगर हालात थोड़े भी अलग होते, अगर इससे संक्रमित शख्स हुआन मार्केट में नहीं आता, उस दिन वो बीमार पड़ जाता, घर पर ही रहता तो शायद ऐसे भयंकर हालात पैदा नहीं होते। हमें शायद इसके बारे में पता भी नहीं चलता।
प्रोफेसर वुरुबे ने बताया कि वुहान के मार्केट से ही वायरस फैलना शुरू हुआ था न कि वहां से जहां ये पैदा हुआ होगा। अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर तक बहुत कम लोग ही इससे संक्रमित हुए। फिर ये वायरस सीफूड मार्केट पहुंचा।
अध्ययन के दौरान रिसर्चर्स ने पाया कि इस वायरस चीन में लोगों को किस तरह अपनी चपेट में लेना शुरू किया। इन्होंने वायरस के शुरुआती मामलों और इसके जेनेटिक रूप पर भी अध्ययन किया। विशेषज्ञों ने इस बात का भी अध्ययन किया कि चीन में सार्स कोव-2 संक्रमण किस तरह आगे बढ़ता गया।
इन्होंने पता लगाा कि अक्तूबर 2019 से पहले वायरस ज्यादा नहीं फैल पाया था। अक्तूबर और दिसंबर के बीच महज कुछ ही लोग इससे संक्रमित थे। रिसर्चरों ने बताया कि अगर वायरस ग्रामीण इलाकों में फैलता तो ये शहरी इलाकों में भी पहुंच जाता।




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