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यमन की सीमा के पास यूनिवर्सिटी में लगी की आग, हूती विद्रोहियों पर मिसाइल हमले का शक

Neha Dani
17 April 2021 2:01 AM GMT
यमन की सीमा के पास यूनिवर्सिटी में लगी की आग, हूती विद्रोहियों पर मिसाइल हमले का शक
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अभी तक सऊदी के हवाई हमलों में हजारों नागरिकों की मौत हो चुकी है.

यमन (Yemen) की सीमा के पास स्थित सऊदी अरब (Saudi Arabia) की एक यूनिवर्सिटी (University) में गुरुवार तड़के आग लग गई. किंगडम के एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) ने बैलिस्टिक मिसाइलों और हथियारों से लैस ड्रोन को ही हवा में मार गिराया. वहीं, माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी में लगी आग हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) द्वारा सीमा पार से किए गए हमले की वजह से लगी है. गौरतलब है कि हूतियों द्वारा अक्सर की सऊदी के सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाया जाता रहा है.

सऊदी अरब के नेतृत्व में यमन में युद्ध लड़ रहे गुट ने एक बयान में कहा कि मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही ढेर कर दिया गया. इससे जीजान यूनिवर्सिटी के कैंपस में मलबा बिखर गया और आग लग गई. हालांकि, जल्द ही इस आग पर काबू पा लिया गया. इसने कहा कि इस हमले में किसी की मौत नहीं हुई है और अभी तक किसी के घायल होने की खबर भी नहीं है. बयान में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

यमन के सद्दा से हूती विद्रोहियों ने लॉन्च की मिसाइलें
बयान में कहा गया कि सिविलियन इलाकों को निशाना बनाते हुए चार बैलिस्टिक मिसाइलों और बमों से लदे चार ड्रोन्स से हमला किया गया. इन्हें यमन के सद्दा से विद्रोहियों ने लॉन्च किया था. हूती विद्रोहियों ने पहले भी इस तरह के हमलों को अंजाम दिया है. यमन में हुए गृहयुद्ध के बाद 2014 में हूती व्रिद्रोहियों ने राजधानी सना को अपने कब्जे में ले लिया था. इस वजह से अंतरराष्ट्रीय तौर पर मान्यता प्राप्त सरकार को सत्ता छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा.

अब तक 2.3 लाख से ज्यादा लोगों की हो चुकी है यमन में मौत
यमन में बिगड़ते हालात को देखते हुए सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब देशों के एक गठबंधन ने 2014 के बाद से ही हूतियों के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि इस युद्ध के चलते अब तक 2,33,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से 1,31,000 मौतों की सीधी वजह भुखमरी, स्वास्थ्य सेवाओं का ना होना और बुनियादी ढांचें की गैरमौजूदगी है. यमन में संघर्ष की शुरुआत की वजह सरकार का कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार था, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे.

भुखमरी की कगार पर खड़े हैं दो करोड़ लोग
यमन में राजनीतिक गतिरोध और संघर्ष ने यहां दुनिया का सबसे खराब मानवीय संकट उत्पन्न किया है. सहायता समूहों का कहना है कि इस अरब मुल्क में 2 करोड़ लोगों को खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से देश में अकाल की स्थिति है. मानवाधिकार समूहों ने इस संघर्ष के लिए सभी पक्षों की आलोचना की है. लेकिन इसके बाद भी सऊदी अरब की यमन पर कार्रवाई जारी है. अभी तक सऊदी के हवाई हमलों में हजारों नागरिकों की मौत हो चुकी है.

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