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चीन बनाने जा रहा हंगरी में यूनिवर्सिटी कैंपस, तो घबराए लोगों ने सड़कों पर किया विरोध प्रदर्शन

Neha Dani
6 Jun 2021 6:41 AM GMT
चीन बनाने जा रहा हंगरी में यूनिवर्सिटी कैंपस, तो घबराए लोगों ने सड़कों पर किया विरोध प्रदर्शन
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वहीं बुडापेस्ट में कैंपस का काम 2024 तक समाप्त होने की उम्मीद है.

हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट (Budapest) में हजारों लोग विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे हैं. इन लोगों ने राजधानी में चीनी यूनिवर्सिटी कैंपस खोले जाने की योजना का विरोध किया है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो देश की अपनी उच्च शिक्षा खतरे में पड़ जाएगी और यहां चीनी कम्यूनिस्ट (Communism in Hungary) प्रशासन का प्रभाव बढ़ेगा. हंगरी की दक्षिणपंथी सरकार के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन चीन के काफी करीबी माने जाते हैं.

हंगरी के पीएम चीन को कितना पसंद करते हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में हंगरी ने यूरोपीय संघ के उस बयान को ब्लॉक कर दिया था, जिसमें हांगकांग को लेकर चीन की आलोचना की गई थी. शनिवार को हंगरी के लोगों ने चीन के फुडन यूनिवर्सिटी कैंपस (Fudan University Campus) को बुडापेस्ट में बनाए जाने के खिलाफ सड़कों पर मार्च निकाला. लोग संसद तक पहुंच गए थे. सरकार को लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
अपनी यूनिवर्सिटी में सुधार चाहते हैं लोग
विरोध में शामिल हुए रेडिक्स नामक छात्र ने कहा, 'ऑर्बन और उनकी (दक्षिणपंथी पार्टी) फिडेस्ज पोर्टरे पार्टी खुद कम्युनिस्टों के खिलाफ है लेकिन वास्तविकता में कम्युनिस्ट ही उनके दोस्त हैं.' पैट्रिक नाम के एक अन्य छात्र ने कहा कि फुडन यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट के लिए सरकारी फंड का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, इसके बजाय अपने खुद के देश की यूनिवर्सिटी में सुधार करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल होना चाहिए (Fudan University Campus in Budapest). ऐसा अनुमान है कि चीनी यूनिवर्सिटी के कैंपस के बनने में 1.8 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा.
चीनी बैंक ही देगा लोन
चीनी कैंपस के लिए सरकार इतना ज्यादा खर्च कर रही है, जितना उसने 2019 में पूरे उच्च-शिक्षा सिस्टम तक में नहीं किया. हंगरी की वेबसाइट Direkt36 के हाथ कुछ दस्तावेज भी लगे है, जिनसे पता चला है कि इस काम के लिए चीनी बैंक 1.5 बिलियन डॉलर का लोन देगा. देश के दो तिहाई लोगों ने चीनी कैंपस बनाए जाने का साफतौर पर विरोध किया है. यहां तक कि बुडापेस्ट के मेयर गर्गले कारासोनी भी इसके खिलाफ हैं. इन्होंने इसी हफ्ते कहा था कि चीन के मानवाधिकारों के उल्लंघन का शिकार बने लोगों के नाम पर सड़कों के नाम रखेंगे.
सड़कों के नाम रखे गए
तीन सड़कों पर नए साइनबोर्ड भी लगा दिए गए हैं, जिनके नाम हैं, फ्री हांगकांग रोड, दलाई लामा स्ट्रीट और उइगर शहीद रोड. बता दें चीन पर शिंजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार का आरोप भी लगता रहा है. जबकि चीन किसी भी तरह के मानवाधिकार उल्लंघन को खारिज करता है (Chinese Univrsity in Hungary). फुडन यूनिवर्सिटी की बात करें तो यह चीन के सबसे सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक है. वहीं बुडापेस्ट में कैंपस का काम 2024 तक समाप्त होने की उम्मीद है.


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