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नेताओं को शांति स्थापित करने पर ध्यान देने की जरूरत है. हर हाल में नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए'.
रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की इमरजेंसी बैठक में भारत ने एक बार फिर साफ किया कि वो विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti ) ने 11वें आपातकालीन विशेष सत्र में भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि नई दिल्ली का दृढ़ विश्वास है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
'हम हर संभव प्रयास कर रहे'
Peaceful settlement of disputes has been India's consistent position; my govt firmly believes that there's no other choice but to return to the path of diplomacy: India's Permanent Rep to UN, TS Tirumurti, at 11th Emergency Special Session of UNGA on #Ukraine pic.twitter.com/TjLeLpr5nR
— ANI (@ANI) March 1, 2022
टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत अपने नागरिकों को तत्काल यूक्रेन से निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. उन्होंने सदस्य देशों से कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मानवीय मुद्दा है और इस पर तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है. गौरतलब है कि यूक्रेन में भारतीय छात्रों के साथ मारपीट की भी खबरें सामने आई हैं.
यूक्रेन के पड़ोसियों का धन्यवाद
भारतीय प्रतिनिधि ने यूक्रेन के उन पड़ोसी देशों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने इंडियन स्टूडेंट्स को बाहर निकालने में मदद के लिए अपनी सीमाएं खोल दी हैं. उन्होंने कहा, 'मैं यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमारे नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी हैं और हमारे मिशनों और उनके कर्मियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. हम अपने पड़ोसियों और विकासशील देशों के उन लोगों की मदद के लिए तैयार हैं जिन्हें सहायता की जरूरत है'.
'रूस का झूठ नहीं, हमारे आंसू देखो'
वहीं, इस बैठक में यूक्रेन ने रूस पर कई आरोप लगाए. यूक्रेन के प्रतिनिधि ने कहा कि रूस के झूठ को न सुनें, हमारे आंसू देखें, हमारा दर्द महसूस करें. हमें आपकी मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रूसी सेना कहर बरपा रही है, उसे रोका जाना चाहिए. हालांकि, रूस ने अपनी कार्रवाई को जायज ठहराया और कहा कि आम नागरिक उसके निशाने पर नहीं हैं. यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्स्या ने रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचता है, तो संयुक्त राष्ट्र नहीं बचेगा और ये कोई भ्रम नहीं है.
महासचिव ने लगाई रूस को फटकार
इस इमरजेंसी बैठक की शुरुआत जंग में मारे गए लोगों के लिए एक मिनट के मौन के साथ हुई. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रूस को जमकर लताड़ लगाई. उन्होंने कहा कि लड़ाई हर हाल में बंद होनी चाहिए. गुटेरेस ने कहा, 'बस बहुत हो गया. सैनिकों को वापस अपनी बैरक में वापस जाने और नेताओं को शांति स्थापित करने पर ध्यान देने की जरूरत है. हर हाल में नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए'.
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