विश्व

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे जेनेवा, जानें क्यों है खास

jantaserishta.com
12 Jun 2022 10:48 AM GMT
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे जेनेवा, जानें क्यों है खास
x

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: 164 सदस्यों वाले विश्व व्यापार संगठन (WTO) की मंत्रिस्तरीय बैठक रविवार से जेनेवा में शुरू हो रही है. इस सम्मेलन से पहले भारत ने संगठन के तीन मसौदों, मछली पकड़ने, कृषि और कोविड वैक्सीन पेटेंट पर असहमति जाहिर की है. विकसित देशों के खिलाफ इन तीन मसौदों पर भारत का साथ देने 80 देश सामने आए हैं.

संगठन पिछले 20 सालों से अवैध, अनियमित मछली पकड़ने पर सब्सिडी को खत्म करने और स्थायी मछली पकड़ने को बढ़ावा देने का दबाव बना रहा है. लेकिन भारत इसका विरोध कर रहा है क्योंकि ये भी कृषि की तरह लोगों के लिए आजीविका का मुद्दा है.
भारत ने कहा है कि मत्स्य पालन पर अंतिम मसौदा अनुचित था. ये मसौदा कम विकसित देशों, जिनके पास अपने उद्योग और कृषि संसाधन नहीं है, उन्हें विवश कर रहा था. हालिया मसौदे को लेकर भारत का कहना है कि किसी भी देश के अधिकार क्षेत्र वाले समुद्र में किसी तरह का अनुशासन उसे स्वीकार नहीं है. इस मसौदों पर बड़ी संख्या में विकसित और अविकसित देश भारत के पक्ष में हैं.
WTO के इस मसौदे पर बात करते हुए संगठन में भारत के एंबेसडर गजेंद्र नवनीत ने कहा, 'ये दूसरे देशों द्वारा बनाई गई समस्या है और भारत जैसे देशों को उनके द्वारा फैलाई गई गंदगी की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा जा रहा है. भारत मछुआरों के लिए एक सुरक्षा जाल चाहता है क्योंकि भारत जैसे देश में मछुआरे पानी में दूर तक मछली पकड़ने नहीं जा पाते हैं.'
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में खाद्यान्नों की कमी हो गई है. ऐसी स्थिति में कृषि WTO में एक बड़ा मुद्दा होने जा रहा है. भारत कृषि से संबंधित मसौदे पर इसलिए आपत्ति जता रहा है क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गरीबों को दी जा रही सब्सिडी को कम करने की बात करता है.
सब्सिडी को लेकर विश्व व्यापार संगठन के मौजूदा नियम सख्त है. खाद्य सब्सिडी बिल 1986-88 के आधार पर WTO ने निर्धारित किया है कि गरीबों को सब्सिडी उत्पादन मूल्य का 10 प्रतिशत ही दिया जाए. भारत हमेशा से इसके खिलाफ रहा है क्योंकि भारत में गरीब लोगों को कम दामों में अनाज उपलब्ध कराने के लिए सरकारी योजनाएं चलाई जाती है.

Next Story