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शरणार्थियों के लिए UN के हाई कमिश्नर फिलिप्पे ग्रांडी (Filippo Grandi) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां मौजूद बच्चों की दयनीय हालत पर UNICEF ने चिंता जताई है। अफगानिस्तान में UNICEF के प्रतिनिधि हर्वे लुडोविक डे लिस (Herve Ludovic De Lys) ने बताया है कि ये बच्चे अपने मूल अधिकारों से वंचित है। इन्हें स्वस्थ और सुरक्षित बचपन नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा,'इस संकट के लिए सबसे कम जिम्मेदार बच्चे हैं और इन्हें ही सबसे अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। काबुल में पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमले में अनेकों बच्चों की मौत हो गई और कई जख्मी हैं।' उन्होंने बताया कि बच्चे ऐसी जगहों पर रहने को मजबूर हैं जहां सूख के कारण पानी तक नहीं है।
Today in Afghanistan, there are nearly 10 million children in desperate need of humanitarian aid.
— UNICEF (@UNICEF) August 30, 2021
This is what UNICEF is doing to support.https://t.co/PiKETUaYRJ
प्रतिनिधि ने आगे बताया, 'इन मासूमों को जिंदगी बचाने वाली पोलियो समेत कई बीमारियों से जूझने के लिए वैक्सीन तक नहीं मिल पा रहा। अनेकों बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।' सोमवार सुबह संयुक्त राष्ट्र से मेडिकल दवाओं की खेप अफगानिस्तान पहुंची। तालिबान के कब्जे के बाद यह UN शिपमेंट की पहली खेप है।
मजार-ए-शरीफ के उत्तरी एयरपोर्ट पर करीब 12.5 मीट्रिक टन सप्लाई पाकिस्तान सरकार की ओर से पहुंची है।WHO ने बताया कि शिपमेंट में पर्याप्त हेल्थ किट है जो दो लाख से अधिक लोगों की सहायता कर सकता है। साथ ही इस सप्लाई को तुरंत समूचे अफगानिस्तान के 29 प्रांतों में मौजूद 40 स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैया कराए जाने का इंतजाम किया जा रहा है। यह जानकारी UN एजेंसी ने दी।
उल्लेखनीय है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) देश में अधिक शिपमेंट पहुंचाने के लिए सहयोगियों से बात कर रहा है। एजेंसी ने बताया कि देश में बचे अफगानियों की जरूरतों की आपूर्ति का इंतजाम करना होगा। शरणार्थियों के लिए UN के हाई कमिश्नर फिलिप्पे ग्रांडी (Filippo Grandi) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है।
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