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UNHCR ने कहा: अफगानिस्तान से अगले चार महीनों के अदंर 5 लाख अफगानी देश छोड़ने पर होंगे मजबूर
Rounak Dey
29 Aug 2021 3:44 AM GMT
![UNHCR ने कहा: अफगानिस्तान से अगले चार महीनों के अदंर 5 लाख अफगानी देश छोड़ने पर होंगे मजबूर UNHCR ने कहा: अफगानिस्तान से अगले चार महीनों के अदंर 5 लाख अफगानी देश छोड़ने पर होंगे मजबूर](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/08/29/1268672-18.gif)
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हबीबुल्लाह के बेटे एज़ातुल्लाह ने कहा, बेरोजगारी और सुरक्षा खतरों ने हमें अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ने के लिए मजबूर किया है।'
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लगातार हालात बेकाबू हो रहे हैं। लोगों का पलायन जारी है। अब संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (UNHCR) ने कहा कि राजनीतिक अनिश्चितता के चलते अगले 4 महीनों के अदंर अफगानिस्तान से लगभग 5 लाख अफगानी देश छोड़ने पर मजबूर होंगे।
अब बड़े पैमाने पर होगा पलायन
यूएनएचसीआर के अनुसार, अफगानिस्तान में अबतक बड़े पैमाने पर पलायन नहीं हुआ था, लेकिन अगले चार महीने में बिगड़ती स्थिति के चलते बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जा सकते हैं। उप उच्चायुक्त केली टी क्लेमेंट्स (Kelly T Clements) ने कहा, 'हमने इस समय बड़ी संख्या में अफगानों का पलायन नहीं देखा है, लेकिन अफगानिस्तान में जारी उथल-पुथल के चलते पलायन तेजी से होगा। इसके साथ ही यूएनएचसीआर ने पड़ोसी देशों से अफगान शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएं खुली रखने को कहा है।
अफगानों को भोजन पहुंचाने के लिए 12 मिलियन अमेरिकी डालर की जरूरत
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने संयुक्त राष्ट्र से जरूरतमंद अफगानों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए 12 मिलियन अमेरिकी डालर प्रदान करने के लिए कहा है। वही निवासियों के अनुसार, राजनीतिक अनिश्चितता, बेरोजगारी और सुरक्षा के मुद्दों ने उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया है। हबीबुल्लाह का परिवार उन हजारों परिवारों में से एक है, जो काबुल हवाईअड्डे के बाहर इंतजार कर रहे हैं और देश छोड़ने का इतंजार कर रहे हैं।
अफगानिस्तान में बेरोजगारी और सुरक्षा के चलते बढ़ रहा पलायन
हबीबुल्ला ने कहा, 'मैंने विदेशियों के साथ चार साल तक काम किया, लेकिन अब मैं बेरोजगार हूं। मैंने अफवाहें सुनीं कि तालिबान विदेशियों के साथ काम करने वाले लोगों के लिए घर खोज रहे हैं और उन्हें मार रहे हैं। इसलिए मुझे अपना घर छोड़ना होगा।' हबीबुल्लाह के बेटे एज़ातुल्लाह ने कहा, बेरोजगारी और सुरक्षा खतरों ने हमें अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ने के लिए मजबूर किया है।'
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