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अफगान लोगों के लिए चीजों को सही दिशा में ले जाना ही हमारे लिए सबसे बड़ी प्रतिबद्धता है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने मंगलवार को अफगानिस्तान के लिए चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि आने वाले दिनों में गिरता तापमान के कारण संकट ग्रस्त में हालात गंभीर हो सकते हैं। एजेंसी ने कहा है कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट लगातार बिगड़ रहा है और वहां 20 मिलियन (2 करोड़) लोगों की मदद के लिए आपातकालीन सहायता के लिए धन की तत्काल आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए एकजुटता की अपील करते हुए अशांत देश के लिए 606 मिलियन अमरीकी डालर (60 करोड़ डालर) की मांग की थी। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि अगले दो महीनों के लिए संचालन के लिए आवश्यक धन का केवल 35 प्रतिशत ही अबतक प्राप्त हुआ है। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान की ढहती अर्थव्यवस्था को रोकने के लिए नकदी डालने का आग्रह किया था।
यूएनएचसीआर के प्रवक्ता बाबर बलूच ने मंगलवार को कहा कि एजेंसी अफगानिस्तान की सीमा के बाहर एक रसद केंद्र स्थापित करने की कोशिश कर रही है ताकि देश के कई सैकड़ों हजारों आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को सहायता वितरित की जा सके। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था 'ब्रेकिंग पॉइंट' पर है, और इस पतन को हर कीमत पर टाला जाना चाहिए।
बलूच ने कहा कि अधिक से अधिक अफगानों तक पहुंचने के लिए संसाधनों की वास्तव करने की आवश्यकता है। जब आप मानवीय सहायता पर निर्भर आधी आबादी की बात करते हैं, तो यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। हमें उन संसाधनों की जितनी जल्दी हो सके जरूरत है। यूएनएचसीआर के प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने आने वाले समय में अफगानिस्तान को आपूर्ति बढ़ाने के लिए तीन एयरलिफ्ट करने की योजना बनाई है। एयरलिफ्ट तत्काल आवश्यक मानवीय राहत सामग्री वितरित करेंगे। पहली उड़ान अक्टूबर के मध्य में आने की उम्मीद है।
2021 की शुरुआत में अफगानिस्तान में 18 मिलियन (1.80 करोड़) लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता थी। संयुक्त राष्ट्र सहायता अधिकारी ने जोर देकर कहा कि केवल पांच प्रतिशत परिवारों के पास प्रतिदिन खाने के लिए पर्याप्त साधन है और पांच वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों में से आधे से अधिक के अगले वर्ष में कुपोषित होने की आशंका है।
द आफिस फार द कोार्डिनेशन आफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स (OCHA) ने कहा कि गंभीर सूखे और खेती में व्यवधान ने सर्दियों के करीब आते ही खाद्य असुरक्षा का खतरा बढ़ा दिया है। अफगानिस्तान पर जी 20 की बैठक में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जोर देकर कहा कि अफगान लोगों के लिए मदद सुनिश्चित करना, देश की अर्थव्यवस्था को बचाना और अफगान लोगों के लिए चीजों को सही दिशा में ले जाना ही हमारे लिए सबसे बड़ी प्रतिबद्धता है।
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