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यह समय 25.5 करोड़ पूर्णकालिक श्रमिक के एक साल तक काम करने के बराबर है।
संयुक्त राष्ट्र ने महामारी कोविड-19 (COVID-19 pandemic) के कारण वैश्विक स्तर पर आए 'बेरोजगारी की समस्या' का जिक्र किया है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labor Organization ) ने एक रिपोर्ट बुधवार को पेश किया जिसमें रोजगार पर महामारी के प्रभाव का विस्तार से विवरण दिया है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UN agency) ने कहा कि रोजगार व राष्ट्रीय आय के क्रम में सभी देश पीछे हो गए हैं।
The labour market crisis created by the #COVID19 pandemic is far from over.
— International Labour Organization (@ilo) June 2, 2021
Employment growth will be insufficient to make up for the losses suffered until at least 2023.
Check out the new ILO WESO Trends report: https://t.co/frEhP1ktgS pic.twitter.com/CeRaO0O0gm
रिपोर्ट का कहना है कि इसका असर अगले साल भी रहेगा और 20 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है। अभी 10.8 करोड़ कामगार 'गरीब या अत्यंत गरीब' की कैटेगरी में आ गए हैं। 164 पृष्ठों वाले 'विश्व रोजगार और सामाजिक परिदृश्य: रूझान 2021 ( World Employment and Social Outlook: Trends 2021 report)' में संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन (ILO) ने रिपोर्ट में कहा है कि महामारी से रोजगार बाजार पर असर हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, ठोस नीतिगत प्रयासों के अभाव के कारण महामारी ने अप्रत्याशित तबाही मचाई है। इसका असर कई वर्षों तक रहेगा। इसमें आगे कहा गया है कि 2020 में कुल कामकाजी समय में भी नुकसान देखा गया जो 8.8 फीसद है। यह समय 25.5 करोड़ पूर्णकालिक श्रमिक के एक साल तक काम करने के बराबर है।
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