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ऐसे में इन लोगों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है।
म्यांमार में 1 फरवरी 2021 को हुए तख्तापलट की घटना के बाद से अब तक सुरक्षा बलों के हाथों 600 लोगों की मौत हो चुकी है। इसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव क्रिस्टिना बर्गनर ने सुरक्षा परिषद को दी है। उन्होंने परिषद के सदस्यों को बताया है कि सुरक्षा बल लगातार प्रदर्शनकारियों पर भारी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कई लोगों की मौत की वजह बन रहे हैं। सुरक्षा परिषद ने म्यांमार के हालातों पर चिंता जाहिर की है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी एक प्रस्ताव पारित कर म्यांमार के सैन्य शासन से अपील की गई है कि वो तत्काल राजनीतिक बंदियों को रिहा करे और लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करे। यूएन ने म्यांमार में सिविल वार का खतरा भी जताया गया है।
क्रिस्टिना ने सुरक्षा परिषद की बैठक में बताया है कि म्यांमार में बेकाबू होते हालातों और लगातार सख्त हो रहे सैन्य शासन के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का विरोध जारी है। विशेष दूत के मुताबिक तख्तापलट के बाद से अब तक दस हजार से अधिक लोग दूसरे देशों की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। इनमें से अधिकतर ने भारत का रुख किया है। भारत के पूर्वी राज्य मिजोरम की सरकार यहां पर म्यांमार से जान बचाकर भाग कर आने वालों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था कर रही है।
मुख्यमंत्री ने भी भारत में शरण ली है। क्रिस्टिना के मुताबिक सुरक्षा बलों ने म्यांमार में अब तक छह हजार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनके बारे में कोई खबर नहीं है। उनके परिजनों को भी किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है। यूएन के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 178000 लोग इस तख्तापलट के बाद विस्थापित हुए हैं।
सुरक्षा परिषद की बैठक में क्रिस्टिना ने सदस्य राष्ट्रों से अपील की है कि वो म्यांमार में शांति बहाली को लेकर विकल्पों पर जल्द से जल्द विचार करें। साथ ही उन्होंने सदस्य देशों से जल्द से जल्द म्यांमार में कार्रवाई की भी मांग की है। उनका कहना है कि म्यांमार में हजारों लोग सुरक्षा बलों से बचने के लिए जंगलों में भाग खड़े हुए हैं। सुरक्षा बलों ने उनके पास तक राहत सामग्री पहुंचाने को सभी मार्ग बंद कर दिए हैं। ऐसे में इन लोगों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है।
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