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जो उसके भविष्य की संभावना को उज्ज्वल बना सके।
संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने पर्यावरण की स्थिति में निरंतर हो रही गिरावट को लेकर चेतावनी दी है। UN ने कहा है कि वायुमंडल में हानिकारक गैसों की मात्रा बढ़ती जा रही है। 2020 में यह अपने रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। दुनिया तापमान को कम करने के रास्ते से हट चुकी है। संयुक्त राष्ट्र का यह बयान पर्यावरण पर ग्लासगो में 31 अक्टूबर से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से पहले आया है। इस सम्मेलन में दुनिया के 200 से ज्यादा देशों के नेता और प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार 2020 में कार्बन डाईआक्साइड का स्तर 413.2 प्रति दस लाख पर पहुंच चुका है। जहरीली गैस की यह मात्रा कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में लगे लाकडाउन के बावजूद रही। लाकडाउन के दौरान दुनिया में सभी तरह के ज्यादातर वाहन और कारखाने नहीं चले, अन्य गतिविधियां भी बाधित रही थीं।
डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेट्री टालास के अनुसार वर्तमान में तापमान बढ़ाने वाली गैसों का उत्सर्जन 2015 के उत्सर्जन से ज्यादा हो चुका है। जबकि 2015 में हुए पेरिस समझौते में संकल्प लिया गया था कि हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम करके धरती का तापमान कम किया जाएगा। इस लिहाज से हम तापमान कम करने की राह से हट चुके हैं। इसलिए जरूरी हो गया है कि हम अपने औद्योगिक, ऊर्जा, वाहनों के चालन और जीवन से जुड़ी अन्य व्यवस्थाओं का पुनरीक्षण करें। देखें कि हम कहां से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम कर सकते हैं। टालास ने कहा, ग्लासगो सम्मेलन में दुनिया को खास घोषणा की जरूरत होगी, जो उसके भविष्य की संभावना को उज्ज्वल बना सके।
Neha Dani
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