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यूएन ने कहा- पृथ्वी अब 800 करोड़ लोगों का घर, भारत में आबादी बढ़ने की रफ्तार थमी

Subhi
16 Nov 2022 1:30 AM GMT
यूएन ने कहा- पृथ्वी अब 800 करोड़ लोगों का घर, भारत में आबादी बढ़ने की रफ्तार थमी
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'800 करोड़ उम्मीदें, 800 करोड़ सपने, 800 करोड़ संभावनाएं... पृथ्वी मंगलवार को 800 करोड़ लोगों का घर बन गई है।' मानव सभ्यता के इस ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुंचने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने इन्हीं शब्दों में की। हालांकि, यहां तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाने वाला हमारा भारत पहले जैसा योगदान अब और नहीं देगा, क्योंकि यहां जनसंख्या वृद्धि दर थम रही है।

इसका मतलब यह नहीं कि हमारी जनसंख्या अगले कुछ दशक में नहीं बढ़ेगी, बल्कि यह वृद्धि जारी रहेगी, लेकिन इसके बाद फिर वृद्धि दर थमने और टोटल फर्टिलिटी रेट (एक महिला द्वारा अपने जीवनकाल में जन्म दिए बच्चों की औसत संख्या) दो से कम होने के परिणाम दिखने लगेंगे।

हालांकि, अभी सुधार की काफी गुंजाइश है। असम जैसे राज्यों में आज भी टीएफआर राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। इसे रोकने के लिए राज्य सरकार ने दो से ज्यादा बच्चे होने पर लोगों को सरकारी नौकरी व स्थानीय चुनाव में अयोग्य घोषित करना शुरू किया है।

ये हैं एलियस

जर्मनी के बर्लिन के एक चैरिटी अस्पताल में करीम और आलिया के इस बच्चे ने ऑपरेशन के जरिये जन्म लिया है। संयुक्त राष्ट की रिपोर्ट के अनुसार इसके साथ ही अब दुनिया की आबादी आठ अरब हो गई है।

2011 से अब तक देश की आबादी सालाना 1.2 फीसदी की दर से बढ़ी। इससे पहले वृद्धि दर 1.7 फीसदी थी। 138 करोड़ आबादी वाला भारत साल 2023 में 140 करोड़ आबादी वाले चीन को पछाड़ देगा। 2050 तक हम 166 करोड़ होंगे, चीन से 35 करोड़ ज्यादा। वहीं, साल 2100 तक आबादी घटकर 103 करोड़ पर आ जाएगी, आज से 35 करोड़ कम।

दुनिया में सबसे ज्यादा युवा भारत में

2023 में भारतीयों की औसत उम्र 28.7 वर्ष होगी। वहीं, चीनियों की 38.4, जापानियों की 48.6 वर्ष और वैश्विक औसत उम्र 30.3 वर्ष होगी। इस साल 15 से 29 साल के भारतीयों की संख्या देश की आबादी का 27% है। 25.3 करोड़ भारतीय नागरिक 10 से 19 साल के हैं, जो विश्व में सर्वाधिक है।

यूएन ने आगाह किया कि 2030 के बाद भारत सबसे युवा आबादी वाला देश नहीं रहेगा। 2025 के बाद युवा आबादी की वृद्धि दर में भी गिरावट आएगी।

संकट को चीन के हालात से समझें-2021 में चीन में 26.7 करोड़ लोग (18.9%) बुजुर्ग थे। 2035 में 40 करोड़ लोग 60 से अधिक उम्र के होंगे। 2050 तक कामकाजी आयु वर्ग के नागरिक बहुत कम होंगे, वहीं बुजुर्ग आबादी के लिए चिकित्सा संसाधन जुटाना नये संकट लाएगा।

समृद्ध और वंचितों की दूरी मिटाने तक संकट

जब तक समृद्ध और वंचितों के बीच गहरी खाई खत्म नहीं की जाती, धरती को 800 करोड़ लोगों से भर कर हम खुद को तनाव, संकट और संघर्ष भरी दुनिया में पहुंचा रहे हैं।

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