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UN रिपोर्ट में खुलासा, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों से जबरन मजदूरी करवा रहा है ड्रैगन

Renuka Sahu
15 Feb 2022 6:30 AM GMT
UN रिपोर्ट में खुलासा, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों से जबरन मजदूरी करवा रहा है ड्रैगन
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फाइल फोटो 

चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के साथ काफी भेदभाव और अत्याचार किए जा रहे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों (Uighur Muslim) के साथ काफी भेदभाव और अत्याचार किए जा रहे हैं. चीन लगातार उत्तर-पश्चिम प्रांच शिनजियांग (Xinjiang) में उइगर मुस्लिमों का दमन कर रहा है. यहां लोगों से जबरन मजदूरी कराई जा रही है. यहां तक कि बच्चे भी इससे नहीं बचे हैं. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक कमेटी ने इस बारे में जानकारी दी है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों से काफी भेदभाव किया जा रहा है और उनसे जबरन मजदूरी कराया जा रहा है. बता दें कि चीन पर काफी लंबे वक्त से उइगर मुस्लिमों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार के आरोप लगते रहे हैं.

शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों से जबरन मजदूरी
संयुक्त राष्ट्र (UN) की ओर से कहा गया है कि चीन को अपने रोजगार नियमों और नीतियों को वैश्विक मानकों के हिसाब से करना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट में पहले भी कई बार चीन पर उइगर मुस्लिमों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगे हैं लेकिन चीन अपने हिसाब से चल रहा है. शिनजियांग में उइगर काफी संख्या में हैं लेकिन चीन की गलत नीतियों के चलते अक्सर उनका दमन किया जाता है. जाति और धर्म के आधार पर अक्सर यहां लोगों को टारगेट किया जाता है. भेदभावपूर्ण व्यवहार की वजह से उइगर खुद को शोषित और दबा कुचला महसूस करते हैं.
चीन की दमन नीति
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization) की रिपोर्ट की मानें तो चीन ने 1964 के रोजगार नीति सम्मेलन के कई आर्टिकल्स का पालन नहीं किया है. चीन सरकार की ओर से इसे साल 1997 में लागू किया गया था. इसमें आजादी के साथ रोजगार चुनने का अधिकार भी शामिल था. इंटरनेशनल लेबर स्टैंडर्ड नाम की कई पन्नों की रिपोर्ट में एक्सपर्ट कमेटी की ओर से किया गया मूल्यांकन है.
इसमें चाइल्ड लेबर, मातृत्व संरक्षण, वोकेशनल ट्रेनिंग, अवसर को लेकर समानता की बात कही गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि व्यापाक तौर पर चीन शिनजियांग (Xinjiang) में उइगर (Uighur) और दूसरे तुर्क और मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों से जबरदस्ती मजदूरी करवा रहा है. वहीं चीन का कहना है कि वो लोगों की गरीबी दूर करने की कोशिश कर रहा है.
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