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तीस से भी ज्यादा बड़े ऐसे तूफान आए, जिनका बाकायदा नाम रखना पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले साल आया उष्णकटिबंधीय चक्रवात अम्फान अब तक का सबसे ज्यादा नुकसान करने वाला था। इसमें भारत को 14 बिलियन डॉलर (करीब एक लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ । 2020 में यह प्राकृतिक आपदा उस समय आई, जब कोरोना के कारण सभी आर्थिक गतिविधियां लगभग थमी हुई थीं। जलवायु की इन स्थितियों पर भी दुनिया को विचार करना चाहिए।
सोमवार को जारी स्टेट ऑफ ग्लोबल क्लाइमेट 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के बीच जलवायु आपदा आई। इसका मतलब कोरोना के कारण आर्थिक गतिविधियों के थमने के बाद भी जलवायु की स्थितियों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। अम्फान चक्रवात के कारण भारत में 24 लाख लोगों को अपना स्थान छोड़ना पड़ा। बड़े पैमाने पर समुद्र किनारे रह रहे लोगों को हटाना पड़ा। इनमें से ज्यादातर पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के थे।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि यह रिपोर्ट डरावनी है। दुनिया के सारे नेताओं और नीति निर्माताओं को इस रिपोर्ट को देखना चाहिए। 2020 दुनिया के लिए अभूतपूर्व साल था। यह साल कोरोना महामारी के पूरी तरह प्रभाव में था। 2020 इसलिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि इस साल जलवायु आपदाओं के कारण पूरी दुनिया प्रभावित रही। तीस से भी ज्यादा बड़े ऐसे तूफान आए, जिनका बाकायदा नाम रखना पड़ा।
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