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जिससे परिवारों को अपने बच्चों को बाल श्रम की तरफ भेजने की जरूरत ही न महसूस हो।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की एक साझा रिपोर्ट में कई चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है। ये रिपोर्ट गुरुवार को जारी हुई है। ये रिपोर्ट 12 जून को मनाए जाने वाले 'बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस' से पहले जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि दो दशकों में पहली बार बाल श्रमिकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में बाल श्रमिकों की संख्या 16 करोड़ पहुंच गई है। बीते चार वर्षों में इस आंकड़ें में करीब 84 लाख नए बाल श्रमिक जुड़ गए हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मौजूदा मजामारी की वजह से लाखों बच्चों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। आईएलओ और यूनिसेफ की ये रिपोर्ट 'Child Labour: Global estimates 2020, trends and the road forward' के नाम से सामने आई है।
इस रिपोर्ट के बारे में बताते हुए यूनीसेफ की कार्यकारी डायरेक्टर हेनरीएटा फोर के मुताबिक इस रिपोर्ट में इंटरनेशनल डेवलेपमेंट बैंकों से अपील की गई है कि वो ऐसे प्रोग्राम में इंवेस्ट को प्राथमिकता दें जो बाल श्रम में लगे बच्चों को यहां से हटाकर वापस स्कूल का रास्ता दिखा सकें। इस रिपोर्ट में पूरी दुनिया के देशों की सरकारों से भी आग्रह किया है कि वो अपने यहां पर बेहतर सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों चलाएं, जिससे परिवारों को अपने बच्चों को बाल श्रम की तरफ भेजने की जरूरत ही न महसूस हो।
Neha Dani
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