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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने इसी के परिप्रेक्ष्य में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संकेत दिया है कि विश्व में खाद्य समस्या और ईंधन के संकट को देखते हुए रूस और बेलारूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है। लेकिन इससे पहले यूक्रेन में युद्धविराम होना चाहिए।
गैस के लिए रूस पर निर्भर यूरोप
उल्लेखनीय है कि रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है जबकि अमेरिका और सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। रूस में पैदा होने वाले गेहूं से अफ्रीकी, एशियाई और कई लैटिन अमेरिकी देश लाभान्वित होते हैं। इसी प्रकार से रूस की प्राकृतिक गैस पर ज्यादातर यूरोपीय देश काफी हद तक निर्भर हैं।
रूस पर प्रतिबंध दुनिया के लिए मुश्किल
खनिज उवर्रक समेत कई खनिजों और रसायनों के उत्पादन में भी रूस सर्वोच्च स्थान पर है। इसी के चलते रूस पर प्रतिबंध दुनिया के लिए मुश्किल पैदा कर रहे हैं। यूक्रेन में युद्ध छिड़ा होने के कारण वहां पर भी गेहूं का उत्पादन नहीं हो रहा है। बंदरगाहों और अन्य स्थानों पर रखे लाखों टन गेहूं पर रूसी सैनिकों ने कब्जा कर लिया है। काफी गेहूं ट्रकों के जरिये रूस भेज दिया गया है। इसलिए भी विश्व में खाद्य संकट पैदा होने का खतरा पैदा हो गया है।
अंतहीन है यूक्रेन में चल रहा युद्ध
गुटेरस ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को बेमतलब, निर्मम और अंतहीन बताते हुए इसके खात्मे के लिए दुनिया के देशों से एकजुट होकर प्रयास करने का आह्वान किया है। कहा है कि यह युद्ध पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके असर से कोई देश अछूता नहीं है।
रूस पर प्रतिबंध से विश्व को नुकसान हो रहा
चीन ने कहा है कि रूस पर लगे प्रतिबंध वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ष 2022 में वैश्विक आर्थिक प्रगति 3.6 प्रतिशत रहने के आसार जताए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने इसी के परिप्रेक्ष्य में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
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