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UN और US ने रोहिंग्या शरणार्थी नेता मोहिबुल्ला की हत्या की निंदा की

Neha Dani
1 Oct 2021 2:16 AM GMT
UN और US ने रोहिंग्या शरणार्थी नेता मोहिबुल्ला की हत्या की निंदा की
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बांग्लादेश में म्यांमार से आए 11 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों ने शरण ले रखी है।

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और अमेरिका (United States) ने गुरुवार को रोहिंग्या शरणार्थी नेता मोहिबुल्ला ( Mohib Ullah) की हत्या की निंदा की और बांग्लादेश के अधिकारियों से मामले की जांच की मांग की।

रोहिंग्या शरणार्थियों के एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले मोहिबुल्ला की अज्ञात लोगों ने बांग्लादेश के एक शिविर में बुधवार देर रात गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी।
काक्स बाजार में सशस्त्र पुलिस बटालियन के कमांडर नैमुल हक ने बताया कि काक्स बाजार जिले के उखिया में स्थित कुटुपालोंग शरणार्थी शिविर में अज्ञात हमलावरों ने मोहिबुल्ला को गोली मार दी। उन्हें एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। अभी किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और यह अभी स्पष्ट नहीं कि इस हमले की पीछे किसका हाथ है।
मोहिबुल्ला पेशे से एक शिक्षक थे जो बाद में एक शरणार्थी नेता बन गये और अंतरराष्ट्रीय बैठकों में मुस्लिम स्थानीय समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रवक्ता थे। वह 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ धार्मिक स्वतंत्रता पर एक बैठक के लिए व्हाइट हाउस गए थे और उन्होंने म्यांमा में रोहिंग्या मुसलमानों की व्यथा पर बातचीत की थी।
उसी साल बांग्लादेशी मीडिया ने उनकी कटु आलोचना की थी क्योंकि उन्होंने म्यांमार में सेना की कार्रवाई के दो साल पूरे होने के मौके पर 2,00,000 शरणार्थियों की एक बड़ी रैली का नेतृत्व किया था। म्यांमा में सेना की कार्रवाई के कारण
मोहिबुल्ला समेत करीब 7,00,000 शरणार्थियों को पलायन कर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ी। एक मानवाधिकार निगरानी समूह ने मोहिबुल्ला को रोहिंग्या समुदाय की मुखर आवाज बताया। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बांग्लादेशी प्राधिकारियों और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी से शिविरों में शरणार्थियों, कार्यकर्ताओं और मानवीय सहायता कर्मियों समेत सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने का अनुरोध किया। बता दें कि बांग्लादेश में म्यांमार से आए 11 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों ने शरण ले रखी है।


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