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सीमा पर तैनात यूक्रेन का सैनिक, किस बात का इंतजार कर रहे पुतिन?

Neha Dani
12 Jan 2022 11:07 AM GMT
सीमा पर तैनात यूक्रेन का सैनिक, किस बात का इंतजार कर रहे पुतिन?
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राष्ट्रपति पुतिन कब अपना मन बदल लें और यूक्रेन पर हमला बोल दें.

यूक्रेन (Ukraine Conflict) से लगने वाली रूस की सीमा पर कई महीनों से करीब एक लाख रूसी सैनिक (Russian Army) तैनात हैं. अमेरिका का कहना है कि रूस इस देश पर हमला करने वाला है. जबकि यूक्रेन ने भी जनवरी के पहले हफ्ते में हमले की आशंका जताई थी. पूरे यूरोप (Europe) में इस घटना को लेकर डर है. ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि रूस ने भला अभी तक इस देश पर हमला क्यों नहीं किया? वो किस चीज का इंतजार कर रहा है. तो इसके पीछे कई कारण हैं.

जब भी युद्ध होता है, तो देश मौसम और जमीन के हाल को देख कर युद्ध की रणनीति बनाते हैं. आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) साल 1971 की गर्मियों में पूर्वी पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान से अलग करना चाहती थीं लेकिन भारत के सेना अध्यक्ष सैम मानेकशॉ ने उन्हें मना किया था. इंदिरा ने उनकी बात मानी थी. कारण था कि कुछ हफ्तों में मानसून शुरू हो जाता और नदियों में उफान आ जाता और जमीन दलदल में बदल जाती. टैंक से लेकर तोप सब जमीन में जम जाते. तभी भारत ने सैनिक कार्यवाही मानसून के बाद की. ऐसा ही कुछ यूक्रेन में हो सकता है.
किस बात का इंतजार कर रहा रूस?
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस साल यूक्रेन में सर्दी नहीं पड़ी है. अभी भी जमीन गीली है और हजारों हेक्टेयर जमीन कीचड़ की तरह है (Russia Ukraine Border Troops). आम तौर पर जनवरी में यूक्रेन की जमीन जम जाती है. अमेरिका का मानना है कि रूस जमीन जमने के बाद टैंक और भारी तोपों से यूक्रेन पर हमला बोल देगा. अगर अभी हमला बोला तो उसकी सेना दलदल में फंस जाएगी. यही कारण है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जमीन पर सेना की हरकत से ज्यादा वहां के मौसम पर नजर बनाए हुए हैं. अमेरिका का मानना है कि अगर मसले को जल्द सुलझाया नहीं गया तो रूस फरवरी में हमला बोल देगा.
पहले दौर की बैठक सफल नहीं हुई
वैसे रूस और अमेरिका की पहले दौर की बैठक नाकामयाब रही है (Russia Ukraine Buildup). रायटर्स के मुताबिक रूस का कहना है कि अमेरिका गारंटी दे कि वो यूक्रेन और जॉर्जिया को नैटो का हिस्सा नहीं बनाएगा, जो अमेरिका मानने को तैयार नहीं है. अमेरिका इसके एवज में ये गारंटी देने को तैयार है कि वो यूक्रेन में मिसाइल नहीं लगाएगा. लेकिन इस पर रूस तैयार नहीं है. दोनों देशों के बीच एक बार फिर इस हफ्ते के भीतर वार्ता होने वाली है. लेकिन अमेरिका को पूरा विश्वास है कि रूस चुपचाप हमले की तैयारी करके बैठा है. यूक्रेन के सीमा पर रूस ने चुपचाप अटैक हेलिकॉप्टर्स का बड़ा बेड़ा तैनात किया है. ये अपने आप में बहुत बड़ा संकेत है.
राष्ट्रपति पुतिन ने नहीं दी हरी झंडी
जानकार कहते हैं की रूस हमले की तैयारी कर रहा है लेकिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अभी सेना को हरी झंडी नहीं दी है. लेकिन इसका असर ये है कि अमेरिका के 150 मिलिट्री एडवाइजर यूक्रेन सरकार के साथ काम कर रहे हैं. इसके अलावा कई और देश यूक्रेन को सेन्य सहयोग दे रहे हैं (US on Russia Ukraine War). अमेरिका की स्पेशल फोर्सेज भी यूक्रेन में तैनात की गई हैं और यूक्रेन में अमेरिका अपने खुफिया विमान उड़ा रहा है. जिसके जरिए वो जमीन पर सेना की बातचीत को सुन पाएं. अमेरिका ने रेविट 135 और जेस्टार जैसे विमान तैनात कर दिए हैं.
क्या पता लगाना चाहता है अमेरिका?
अमेरिका इस बात का पता लगाना चाहता है कि क्या रूस सीमा पर टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन या यूं कहें कि तोप से चलाए जाने वाले छोटे परमाणु बमों (Nuclear Bombs) की तैनाती कर रहा है. रूस पिछले 8 साल से यूक्रेन में रूसी मिलिटेंट्स की मदद कर रहा है. जिसमें अब तक 14000 लोग मरे जा चुके हैं. 2014 में उसने यूक्रेन से क्रीमया हथिया लिया था और अमेरिका कुछ भी नहीं कर पाया था. इस वक्त रूस की सेना (Russian Army) हमले के लिए तैयार है क्योंकि वो जमीन पर युद्ध की प्रैक्टिस कर चुका है. यानी सारे वॉर गेम्स को टेस्ट कर लिया है. इसलिए सीमा पर शांति के बावजूद ये कहा नहीं जा सकता कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन कब अपना मन बदल लें और यूक्रेन पर हमला बोल दें.


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