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यूक्रेन के नरसंहार स्मारक केंद्र ने उन 159 नाजी सैनिकों के नामों का किया खुलासा

Admin4
6 Oct 2021 4:56 PM GMT
यूक्रेन के नरसंहार स्मारक केंद्र ने उन 159 नाजी सैनिकों के नामों का किया खुलासा
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यूक्रेन के नरसंहार स्मारक केंद्र ने बुधवार को उन 159 नाजी सैनिकों के नामों का खुलासा किया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- Ukraine Names Nazi Babi Yar Killers: यूक्रेन के नरसंहार स्मारक केंद्र ने बुधवार को उन 159 नाजी सैनिकों के नामों का खुलासा किया है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बाबी यार नरसंहार के दौरान यहूदियों की हत्या में शामिल थे. बाबी यार नरसंहार (Babi Yar Massacre) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए सबसे भीषण नरसंहारों में से एक था. यूक्रेन की राजधानी कीव 1941 में नाजियों के कब्जे में थी. उस समय कीव के बाबी यार क्षेत्र में 48 घंटों के भीतर करीब 34,000 यहूदी मारे गए थे.

नाजी सैनिकों ने स्थानीय सहयोगियों के साथ उस नरसंहार को अंजाम दिया था. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेन्स्की, इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग और जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीमिएर बुधवार को नरसंहार के पीड़ितों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे (Nazi Babi Yar Killers). हर्जोग ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली यूक्रेन यात्रा पर रवाना होने से पहले कहा, 'इस भयावह घटना के बारे में बात करना और इससे सबक लेना अनिवार्य है.'
15 लाख यहूदियों की हत्या हुई थी
उस दौरान सिर्फ यूक्रेन में 15 लाख यहूदी मारे गए थे. यूक्रेन के नरसंहार स्मारक केंद्र ने उन सैकड़ों नाजी सैनिकों में से 159 नामों का खुलासा किया, जिन्होंने 29-30 सितंबर, 1941 को बाबी यार नरसंहार में भाग लिया था. उस बर्बर घटना में 33,771 यहूदियों की हत्या कर दी गई थी (Killings During World War Two). नरसंहार स्मारक केंद्र ने कहा, 'हत्याओं को अंजाम देने वाले कुछ नाजी सैनिकों के 1960 के दशक के अंत तक स्वीकारोक्ति, सबूत और साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने के बावजूद, इसमें शामिल लोगों में से केवल कुछ को ही अपने जघन्य अपराधों के लिए कार्रवाई का सामना करना पड़ा.'
20-60 साल के बीच थी उम्र
केंद्र ने कहा, 'नाजी सैनिकों की उम्र 20 से 60 साल के बीच थी. इनमें शिक्षित और अशिक्षित दोनों तरह के सैनिक शामिल थे. इनमें इंजीनियर, शिक्षक, ड्राइवर और विक्रेता सभी लोग थे. कुछ शादीशुदा थे और कुछ नहीं थे. इनमें से अधिकांश युद्ध के बाद सामान्य जीवन जीने लगे (About Nazi Soldiers). उन्होंने मुकदमे में गवाही दी और केवल कुछ कमांडर दोषी पाए गए. लेकिन बड़ी संख्या में हत्याएं करने वाले सैनिक बच निकले.' केंद्र की अकादमिक परिषद के प्रमुख फादर पैट्रिक डेस्बोइस ने कहा कि 159 नाजी सैनिकों में से कुछ 'शूटर थे, अन्य ने यहूदियों को उनके घरों से निकाला, उनका सामान छीन लिया. जबकि कई गोली चलाने वालों को सैंडविच, चाय और वोदका परोस रहे थे. ये सभी दोषी हैं.


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