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यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने दी जानकारी, मच सकती है तबाही

Neha Dani
4 March 2022 1:54 AM GMT
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने दी जानकारी, मच सकती है तबाही
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रूस की तरफ से लगातार यूक्रेन पर (Russia-Ukraine War) बमबारी हो रही है. इस बीच, खबर आई है कि यूक्रेन के जापोरीझझया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Zaporizhzhia Nuclear Power Plant) में आग लग गई है. आग लगने की वजह रूसी सेना द्वारा किए जा रहे हमले को बताया जा रहा है. यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा (Dmytro Kuleba) ने इसकी जानकारी देते हुए दुनिया को चेताया है कि अगर व्लादिमीर पुतिन को नहीं रोका गया, तो तबाही मच जाएगी.

'चेर्नोबिल से 10 गुना बड़ा होगा धमाका'


यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट करके बताया कि रूसी सेना यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र जापोरीझझया एनपीपी पर हर तरफ से गोलीबारी कर रही है. उन्होंने कहा कि आग पहले ही लग चुकी है. अगर यह उड़ा, तो यह चेर्नोबिल से 10 गुना ज्यादा विस्फोट होगा. रूसियों को तुरंत गोलीबारी बंद करनी चाहिए और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अग्निशामकों को लगाना चाहिए. बता दें कि 26 अप्रैल 1986 को चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के चौथे रिएक्टर में विस्फोट हुआ था. इसे अब तक की सबसे भयानक परमाणु दुर्घटना कहा जाता है.
फिर बेनतीजा रही बातचीत
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का आज आठवां दिन है. रूस की ओर से अभी भी ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं. खेरसान में हुए रूसी हमले में नौ लोगों की जान चली गई है. इस बीच बेलारूस में रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के बीच दूसरे दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. वहीं, व्लादिमीर पुतिन की फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बातचीत की भी खबर है. रूसी हमले के चलते बड़े पैमाने पर यूक्रेन से पलायन हो रहा है. लोग जान बचाने के लिए दूसरे देश जा रहे हैं.
काम आई पुतिन की धमकी
रूस को रोकने के लिए अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रयास हो चुके हैं. अमेरिका सहित कई देशों ने आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं, लेकिन रूस पर इसका कोई असर नहीं है. रूसी सेना लगातार यूक्रेन में तबाही मचा रही है. सेना के हमले में आम नागरिकों ने भी बड़ी संख्या में जान गंवाई है. पुतिन ने साफ कर दिया है कि यदि कोई तीसरा इस जंग में उतरता है तो परिणाम भयानक होंगे. शायद इसलिए ही अमेरिका और नाटो ने सैन्य कार्रवाई से दूरी बना रखी है.


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