विश्व

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से मिले यूक्रेन के दिमित्रो कुलेबा, प्यूमा ने रूस में सभी स्टोर पर काम रोका

Subhi
6 March 2022 12:44 AM GMT
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से मिले यूक्रेन के दिमित्रो कुलेबा, प्यूमा ने रूस में सभी स्टोर पर काम रोका
x
रूस की ओर से यूक्रेन पर शुरू किए गए हमलों को अब 10 दिन हो चुके हैं। इसके बावजूद यूक्रेन के कई शहर अब भी रूसी सेना के नियंत्रण से बाहर हैं। अब अमेरिका और नाटो के अधिकारियों ने आशंका जताई है

रूस की ओर से यूक्रेन पर शुरू किए गए हमलों को अब 10 दिन हो चुके हैं। इसके बावजूद यूक्रेन के कई शहर अब भी रूसी सेना के नियंत्रण से बाहर हैं। अब अमेरिका और नाटो के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यूक्रेन पर अपना कब्जा जमाने के लिए रूस तब तक बम बरसाएगा, जब तक सभी शहर खुद आत्मसमर्पण नहीं कर देते। अफसरों ने कहा कि रूस के हवाई हमलों की वजह से आने वाले दिनों में आम नागरिकों के मारे जाने का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले नाटो ने खुद यूक्रेन के हवाई मार्ग को नो फ्लाई जोन घोषित करने से इनकार कर दिया था। रूस और यूक्रेन ने मारियुपोल और वोल्नोवाखा से नागरिकों के निकलने के लिए युद्ध विराम का एलान किया गया लेकिन इसका कोई सफल परिणाम देखने को नहीं मिला। यूक्रेन और रूस दोनों ने एक दूसरे पर इसका उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

प्यूमा ने रूस में अपने सभी स्टोरों पर परिचालन स्थगित करने का फैसला किया। मास्को के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस को डिलीवरी पहले ही रोक दी थी। एक स्थानीय मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक वीजा, मास्टरकार्ड ने बयान जारी कर कहा कि वे आने वाले दिनों में रूस में सभी लेनदेन बंद कर देंगे।

यूक्रेन से 182 भारतीय नागरिकों को लेकर ऑपरेशन गंगा के तहत एक विशेष उड़ान रोमानिया के बुखारेस्ट से मुंबई पहुंची।

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने यूक्रेन-पोलिश सीमा पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से मुलाकात की। यहां उन्होंने ब्लिंकेन के साथ यूक्रेन के लिए आवश्यक हथियारों की आपूर्ति, प्रतिबंधों की दक्षता सुनिश्चित करने और दबाव बढ़ाने के तरीके पर बातचीत की।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक वीडियो कांफ्रेंस के दौरान अमेरिकी सांसदों से रूसी आक्रमण के खिलाफ देश की रक्षा के लिए विमान उपलब्ध कराने में मदद करने का आग्रह किया है।

यूक्रेन से दिल्ली लौटे एक छात्र मोहन कुमार ने कहा कि मैं इवानो-फ्रैंकिव्स्क से आया था, 3 मार्च को सीमा पार कर गया था। स्लोवाकिया और यूक्रेन के लोगों ने हमारी बहुत मदद की, भोजन के साथ आश्रय की व्यवस्था की। हम भारतीय दूतावास की मदद से स्लोवाकिया में आए। भारत सरकार का धन्यवाद...

यूक्रेन के लिए संयुक्त राष्ट्र संकट समन्वयक अमीन अवद ने रूसी और यूक्रेनी बलों के बीच लड़ाई में तत्काल मानवीय विराम का आह्वान किया है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र यूक्रेन में मानवीय मदद पहुंचाना चाहता है। अवध ने कहा कि उनका तात्कालिक उद्देश्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भौगोलिक क्षेत्रों और सेक्टरों को तत्काल जीवन रक्षक सहायता के वितरण को बढ़ाने के लिए प्राथमिकता देना है।

यूक्रेन-रूस बीच चल रहे युद्ध के बीच अभी भी हजारों भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं। इसे निकालने के लिए भारत का ऑपरेशन चालू है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी दी कि 1320 छात्रों को आज बुडापेस्ट (हंगरी) से निकाला जाएगा। दिल्ली जाने वाली चार उड़ानें पहले ही उड़ान भर चुकी हैं। दो उड़ानों के लिए चेक-इन पूरा हो गया है, जबकि चेक-इन वर्तमान में जारी है, जो दिन की 7वीं उड़ान होगी।

इस्राइल ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा की है। सथ ही इस्राइल ने कीव के साथ एकजुटता व्यक्त की है और यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने कीव और मॉस्को दोनों के साथ इस्राइल के अच्छे संबंधों का हवाला देते हुए बेनेट को रूस के साथ मध्यस्थता करने के लिए कहा है। पुतिन पहले इस विचार के प्रति शांत रहे हैं।

यूक्रेन में गोलाबारी के दौरान मारे गए एक एमबीबीएस छात्र नवीन शेखरप्पा के परिवार को कर्नाटक सरकार ने 25 लाख रुपये का चेक सौंपा है। वहीं इसकी जानकारी कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने दी, उन्होंने कहा कि नवीन शेखरप्पा के परिवार के किसी सदस्य को नौकरी भी देंगे। नवीन का पार्थिव शरीर जल्द से जल्द यहां वापस लाया जाएगा।

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि भारतीय भारत के अंदर रूसी दूतावास पर युद्ध को रोकने का दबाव बना सकते हैं। यूक्रेन केवल इसलिए लड़ रहा है क्योंकि हम पर हमला किया गया है और हमें अपनी जमीन की रक्षा करनी है क्योंकि पुतिन हमारे अस्तित्व के अधिकार को नहीं पहचानते।

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा अपने बयान में कहा कि भारत यूक्रेन के कृषि उत्पादों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है और अगर यह युद्ध जारी रहा, तो हमारे लिए नई फसल बोना मुश्किल होगा। इसलिए, वैश्विक और भारतीय खाद्य सुरक्षा को देखते हुए भी इस युद्ध को रोकना बहुत जरूरी है।


Next Story