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यूक्रेन अकेले ही झेलेना होगा रूस का हमला, युद्ध छिड़ने पर यूक्रेन में नाटो और ब्रिटेन नहीं भेजेंगे सेना, जानें अमेरिका ने क्या कहा
Apurva Srivastav
30 Jan 2022 6:59 PM GMT
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यूक्रेन की सीमा पर युद्ध की बिसात बिछ चुकी है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर ताकत बढ़ाते हुए 1,20,000 सैनिक तैनात कर दिए हैं,
यूक्रेन की सीमा पर युद्ध की बिसात बिछ चुकी है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर ताकत बढ़ाते हुए 1,20,000 सैनिक तैनात कर दिए हैं, बेलारूस में सैनिक और हथियार भेजने में जुटा है। यूक्रेन से सटे काला सागर के करीब भूमध्य सागर में भी रूसी युद्धपोतों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन युद्ध की बढ़ती आशंका के बीच नाटो ने हाथ खड़े कर दिए हैं। रविवार को नाटो ने साफ कर दिया कि रूस का हमला होने पर वह लड़ाई के लिए अपने सैनिक यूक्रेन में नहीं भेजेगा। ब्रिटेन ने भी लड़ाई के लिए अपने सैनिक न भेजने की बात कही है।
यूक्रेन को अकेले ही झेलना होगा युद्ध
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस सप्ताह के शुरू में ही स्पष्ट कह चुके हैं कि अमेरिका यूक्रेन में लड़ने के लिए सैनिक नहीं भेजेगा। मतलब, रूस का हमला यूक्रेन को अकेले ही झेलना होगा। बीबीसी से साक्षात्कार में नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, यूक्रेन में लड़ाई के लिए सेना भेजने की हमारी कोई योजना नहीं है। हम इस युद्ध में यूक्रेन को केवल समर्थन देंगे और आवश्यक सामग्री मुहैया कराएंगे।
यूक्रेन नाटो का सदस्य देश नहीं
नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य देश नहीं है, इसलिए हम उसकी ओर से युद्ध नहीं लड़ सकते। वह हमारा बहुमूल्य सहयोगी है, इस आधार पर हम उसका सहयोग करेंगे। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने भी ब्रिटेन के सैनिकों को लड़ने के लिए यूक्रेन भेजने की संभावना से इन्कार किया है।
यूक्रेन को अपनी ओर खींच रहा नाटो
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि नाटो यूक्रेन को अपनी ओर खींच रहा है। रूसी हमले का भय दिखाकर वह यूक्रेन को साथ लेना चाह रहा है। लावरोव ने कहा है कि नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) की नीयत साफ है तो वह रूस की मुख्य मांग-यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया जाएगा, पर स्पष्ट जवाब दे। हमारा अगला कदम निर्धारित करने को लेकर यह मुख्य सवाल है।
पूर्वी यूरोप से नहीं हटेंगे नाटो के हथियार
अमेरिका ने कहा है कि रूस के सुरक्षा प्रस्ताव के अनुसार पूर्वी यूरोप से नाटो की सेनाएं और हथियार नहीं हटेंगे। हां द्विपक्षीय हथियार नियंत्रण और परस्पर भरोसा बढ़ाने वाले उपायों पर चर्चा हो सकती है। इस चर्चा के लिए अमेरिका रूस के जवाब का इंतजार कर रहा है। विदित हो रूसी सुरक्षा प्रस्ताव पर बुधवार को दिए अमेरिकी जवाब में इन्हीं दो मसलों पर वार्ता की बात कही गई है। अमेरिकी जवाब पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विचार कर रहे हैं।
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