विश्व

यूक्रेन रूस युद्ध: आर-पार की जंग, जानें लेटेस्ट अपडेट

jantaserishta.com
14 Jun 2022 3:38 AM GMT
यूक्रेन रूस युद्ध: आर-पार की जंग, जानें लेटेस्ट अपडेट
x

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

कीव: रूसी सेना ने फिर यूक्रेन पर तेज हमले शुरू कर दिए हैं. वहीं यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हन्ना मलयार के अनुसार, रूस यूक्रेन के खिलाफ नए हथियारों का इस्तेमाल परीक्षण करने के लिए कर रहा है जबकि इन हथियारों पर अभी भी शोध चल रहा है. उन्होंने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत प्रतिबंधित हथियारों का भी इस्तेमाल कर रहा है.

वहीं डोनेट्स्क ओब्लास्ट के गवर्नर पावलो किरिलेंको के अनुसार लुहान्स्क में रूसी हमलों में पांच नागरिक बुरी तरह जख्मी हो गए थे. डोनेट्स्क ओब्लास्ट में सभी का इलाज चल रहा था. इनमें से दो की सोमवार को मौत हो गई.
वहीं गवर्नर दिमित्रो ज्यिवत्स्की के अनुसार, एक रूसी ड्रोन ने सोमवार को सूमी ओब्लास्ट में वेलीकोपिसरिव्स्का गोला-बारूद गिराए. इस हमले में एक नागरिक की जान चली गई जबकि दो जख्मी हो गए.
इसके अलावा वहीं लुहान्स्क के लिसिचांस्क में गोलाबारी के दौरान दो यूक्रेनी पत्रकारों की भी जान चली गई. सस्पिलने मीडिया आउटलेट के पत्रकार ह्रीस्टीना हैवरिलियुक और तारास इब्राहिमोव लिसिचांस्क से रिपोर्ट करते हुए गोलाबारी का शिकार हो गए.
रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के सीविरो डोनेस्क को जाने वाले सभी पुल तबाह कर दिए हैं. ऐसे में सीविरो डोनेस्क में मौजूद यूक्रेनी सैनिक वहीं फंस गए हैं. उनके पास वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है. लुहांस्क के गवर्नर सेरही गैदाई ने कहा कि सीविरोडोनेस्क के अधिकांश इलाके पर रूसी सेना का कब्जा हो गया है. लड़ाई अब सड़कों पर न होकर एक-एक इमारत पर कब्जे के लिए हो रही है.
पिछले 109 दिन से जारी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. यह युद्ध दोनों देशों को आर्थिक रूस से बहुत पहुंचा रहा है. कई आवश्वयक चीजों की किल्लत दोनों देशों में होने लगी है. यूक्रेन में ईंधन की तेजी से कमी हो रही है, इसलिए जेलेंस्की की सरकार ने कोयला, गैस, तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
वहीं युद्ध का असर यूक्रेन में फसल की पैदावार पर भी पड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल यूक्रेन ने 86 मिलियन टन फसल पैदा की थी, जो इस साल घटकर 48.5 मिलियन टन हो सकती है.
यूक्रेन के ऑपरेशनल कमांड ईस्ट ने दावा किया है कि उसने 48 रूसी सैनिकों को मार डाला है. इसके अलवा एक मानव रहित हवाई वाहन, दो आर्टिलरी ट्रैक्टर, एक पैदल सेना से लड़ने वाले वाहन, दो मोर्टार और सैन्य उपकरण नष्ट कर दिए हैं.
यूक्रेनी जांचकर्ताओं ने सोमवार को कीव के पास एक जंगल में अस्थायी कब्रों से सात शव निकाले हैं. पुलिस का कहना है कि वे सभी आम नागरिक थे, जिन्हें रूसी सेना ने इलाके पर कब्जा करने के दौरान मार डाला था. कीव ओब्लास्ट के पुलिस प्रमुख एंड्री नीबितोव ने फेसबुक के जरिए बताया कि शव कीव से 30 किमी पश्चिम में बुकान्स्की जिले के मायरोत्स्के गांव के पास पाए गए.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बताया कि उनकी सेना ने यूक्रेन के दक्षिण में रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोक दिया है. उनके अनुसार, यूक्रेन ने खेररान ओब्लास्ट के कुछ हिस्सों को भी रूस से आजाद करा दिया गया है.
यूक्रेनी सेना ने ने दावा किया है कि उसने इजियम के पास रूस के केए -52 हेलीकॉप्टर को नष्ट कर दिया हैं. यूक्रेन की 93 वीं मशीनीकृत ब्रिगेड के अनुसार, खार्कीव ओब्लास्ट में यूक्रेनी सेना ने सुलीहिवका और डोवेनके गांवों के करीब कब्जे वाले क्षेत्र में रूसी हेलीकॉप्टर गिरया है.
रूसी अखबार ने दावा किया है कि 33 यूक्रेन वालंटियर ड्राइवरों को रूस ने 2 महीने से बंदी बना रखा है. ड्राइवरों की परिवारों से बातचीते के आधार पर अखबार ने दावा किया कि रूस ने ड्राइवरों पर आतंकवाद का आरोप लगाया है. वह उन्हें 10-15 साल के लिए कैद में रखना चाहता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 15 जून को कीव जा सकते हैं. यूक्रेन में फ्रांसीसी राजदूत के सलाहकार ब्रूनो कैसेनेल का हवाला मीडिया ने इस बात का दावा किया है. कैसेनेल ने कहा, 'यात्रा की अभी तक 100% पुष्टि नहीं हुई है लेकिन मैक्रों की इटली के प्रधानमंत्री और जर्मन चांसलर के साथ कीव जाने की योजना है.
जर्मीन के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने इन आरोपों को खारिज किया कि जर्मनी यूक्रेन को देरी से भारी हथियारों की आपूर्ति कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमें उपकरणों के साथ उनकी ट्रेनिंग को नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेना के प्रशिक्षण के बिना यूक्रेन को उपकरण देना एक गलती हो सकती है.
वहीं जेलेंस्की ने आग्रह किया, "हमें चांसलर स्कोल्ज से यह गारंटी चाहिए कि जर्मनी यूक्रेन के साथ है. उन्होंने यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि जर्मन चांसलर यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा शुरू किए गए युद्ध पर जर्मनी अपना रुख साफ करे.
Next Story