विश्व

यूक्रेन-रूस ने तुर्की-संरा के साथ किए अलग-अलग समझौते, वैश्विक महंगाई से मिलेगा छुटकारा, ब्लैक सी के रास्ते फिर शुरू होगा अनाज निर्यात

Renuka Sahu
23 July 2022 1:23 AM GMT
Ukraine-Russia made separate agreements with Turkey-UN, will get rid of global inflation, grain exports will start again through Black Sea
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फाइल फोटो 

रूस और यूक्रेन ने शुक्रवार को तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ अलग-अलग समझौते कर लाखों टन यूक्रेनी अनाज तथा रूसी खाद्यान्न व उवर्रक के निर्यात का मार्ग प्रशस्त कर दिया.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन ने शुक्रवार को तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ अलग-अलग समझौते कर लाखों टन यूक्रेनी अनाज तथा रूसी खाद्यान्न व उवर्रक के निर्यात का मार्ग प्रशस्त कर दिया. इसके साथ ही, दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को लेकर बना गतिरोध समाप्त हो गया है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और यूक्रेन के बुनियादी ढांचा मंत्री ओलेक्संद्र कुब्राकोव ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस और तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार के साथ इस सिलसिले में अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

वैश्विक महंगाई से मिलेगा छुटकारा
गुतारेस ने कहा, 'यह उम्मीद की, संभावना की, दुनिया के लिए राहत की किरण है जिसकी काफी जरूरत थी.' यह समझौता यूक्रेन को 2.2 करोड़ टन अनाज अनाज और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात करने में सक्षम बनाएगा. यह अनाज युद्ध के चलते काला सागर के बंदरगाहों पर फंसा हुआ है. गुतारेस ने कहा कि 'काला सागर पहल' नाम की यह योजना काला सागर के तीन बंदरगाहों (ओडेसा, चोरनोमोर्स्क और युझनी) से भारी मात्रा में वाणिज्यिक खाद्यान्नों के निर्यात का मार्ग प्रशस्त करेगा. गुतारेस ने कहा, 'यह वैश्विक स्तर पर खाद्यान्नों की कीमतों को स्थिर करने में मदद करेगा.' यूक्रेन विश्व में गेहूं, मक्का और सूरजमुखी के तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में शामिल है.
रूस-यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से शुरू हुआ था युद्ध
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से युद्ध शुरू हुआ था. करीब पांच महीने की जंग के बाद ऐसा मौका आया है, जब दोनों देशों के बीच अनाज के निर्यात को लेकर समझौता हुआ है. इतने दिन के युद्ध में रूस ने यूक्रेन के कई शहर बर्बाद कर दिए. कई क्षेत्रों को अपने कब्जे में ले लिया. कई बंदरगाह शहरों पर भी अपना अधिकार जमा लिया. इसके बाद दुनियाभर में अनाज का संकट खड़ा हो गया था. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से वैश्विक भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई थी. दुनियाभर में अनाज का संकट मंडराने लगा था. इस संकट से उबरने के लिए तुर्की और यूएन का बड़ा हाथ है.
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