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उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान भी हो सकता है।
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच रूसी अधिकारियों ने दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन के कब्जे वाले शहर के निवासियों को पासपोर्ट सौंपना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक विशेष कार्यक्रम में खेरसॉन के लोगों ने रूसी पासपोर्ट प्राप्त किया। यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब रूस युद्ध में घिरे खेरसॉन पर अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। खेरसॉन उन पहले शहरों में से एक था, जिन पर रूसी सेना ने युद्ध के शुरुआती दिनों में विजय प्राप्त की थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेलिटोपोल एक और शहर है जहां यूक्रेनियों को रूसी पासपोर्ट देने का काम जारी है। क्षेत्रीय प्रशासन के मॉस्को समर्थक प्रमुख व्लादिमीर साल्डो ने कहा, "हमारे सभी खेरसॉन निवासी जल्द से जल्द पासपोर्ट और (रूसी) नागरिकता प्राप्त करना चाहते हैं। यह एक नया युग है जो हमारे लिए शुरू हो रहा है। यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो एक व्यक्ति अपने जीवन में हासिल कर सकता है।"
'और अधिक घातक हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है रूस'
वहीं, यूक्रेन और ब्रिटेन के अधिकारियों ने चेतावनी दी कि रूसी सेना बड़े पैमाने पर तबाही मचाने वाले घातक हथियारों का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों पर कब्जा करने के उद्देश्य से और अधिक घातक हथियारों का इस्तेमाल कर सकती है, क्योंकि लंबे समय से चले आ रहे युद्ध के कारण दोनों ही देशों के संसाधनों में कमी आई है।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस बात की आशंका है कि रूसी बमवर्षक विमान यूक्रेन में जहाज-रोधी मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन मिसाइलों का इस्तेमाल पहली बार 1960 के दशक में किया गया था। केएच-22 मिसाइलों को प्रमुख रूप से विमान वाहक युद्धपोतों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया था, जिसमें परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया जाता है। जब पारंपरिक रूप से केएच-22 मिसाइलों का इस्तेमाल जमीनी हमलों में किया जाता है तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान भी हो सकता है।
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