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उन्होंने यहां तक कहा था कि रूस का मकसद दक्षिण यूक्रेन पर कब्जा कर क्रीमिया तक एक जमीनी गलियारा स्थापित करना है।
यूक्रेन के शहर मारीपोल में रूस और यूक्रेन के सैनिकों के बीच जबरदस्त जंग जारी है। इस बीच यूक्रेन ने वहां से 500 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है। राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमेक ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है वो दूसरे चरण के इवेक्यूएशन प्रोग्राम को चला रहे हैं। इस चरण में मारीपोल और एजोवस्ताल से यूक्रनी नागरिकों को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमनें अब तक काम्पलैक्स में मौजूद करीब 500 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है। इसके लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र का धन्यवाद भी किया है, जिसने इसकी राह आसान की है। बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुतरेस के बीच पिछले दिनों जो वार्ता हुई थी उसके केंद्र में मारीपोल में फंसे नागरिकों की सुरक्षित निकासी ही थी।
इस बातचीत के दौरान यूएन प्रमुख ने भी यूक्रेन के हालातों पर चिंता जताई थी और रूस से युद्ध को बंद करने की अपील थी। अपने इस विशेष दौरे में गुतरेस मास्को भी गए थे और वहां पर उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात की थी। इस दौरान उन्होंने मारीपोल में यूक्रेन के नागरिकों की सुरक्षित वापसी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने मांग की थी कि वहां पर फंसे सभी नागरिकों को एक सुरक्षित कारिडोर दिया जाना चाहिए जिससे वे बाहर आ सकें। इसके बाद ही ये संभव भी हो सका।
हालांकि रूस ने बाद में ये साफ कर दिया कि ये सुविधा केवल नागरिकों को ही दी जाएगी। यूएन चीफ के मास्को दौरे पर ही रूस ने ये भी स्वीकार किया था कि उसने यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमले किए हैं। बता दें कि पिछले सप्ताह ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव कीव के दौरे पर गए थे।
बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमले की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक वो यूक्रेन को काफी नुकसान पहुंचा चुका है। रूस ने अपने इस अभियान को स्पेशल मिलिट्री आपरेशन का नाम दिया है। रूस का कहना है कि जब तक वो यूक्रेन की सैन्य शक्ति को खत्म नहीं कर देता है तब तक ये जंग जारी रहेगी। गुतरेस के मास्को दौरे के दौरान ही लावरोव ने किसी तरह के युद्धविराम की संभावना को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि इस मोड़ पर आकर ये संभव नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा था कि रूस का मकसद दक्षिण यूक्रेन पर कब्जा कर क्रीमिया तक एक जमीनी गलियारा स्थापित करना है।
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