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यूक्रेन विवाद : रूस के कदम पर भारत तटस्थ, घटनाक्रम पर पैनी नजर, तनाव खत्म करने के लिए संवाद कायम करने पर दे रहा जोर

Renuka Sahu
23 Feb 2022 1:41 AM GMT
यूक्रेन विवाद : रूस के कदम पर भारत तटस्थ, घटनाक्रम पर पैनी नजर, तनाव खत्म करने के लिए संवाद कायम करने पर दे रहा जोर
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फाइल फोटो 

रूस द्वारा यूक्रेन के भीतर नए देश को मान्यता दिए जाने पर भारत ने इस पूरे प्रकरण में अपना तटस्थ रुख अपनाया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस द्वारा यूक्रेन के भीतर नए देश को मान्यता दिए जाने पर भारत ने इस पूरे प्रकरण में अपना तटस्थ रुख अपनाया है। भारत ने न तो रूस की इस कार्रवाई का समर्थन किया और न ही अमेरिका व यूरोप की तरह विरोध जताया है। भारत इस पूरे मामले में बेहद सावधानी बरत रहा है व दोनों देशों के बीच तनाव को खत्म करने के लिए कूटनीतिक संवाद कायम करने पर जोर दे रहा है। भारत नजदीकी से रूस और यूक्रेन के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक में भारत के स्थाई प्रतिनिधि ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पहले भी भारत का रुख यही था और आगे भी इसमें किसी प्रकार के बदलाव की संभावना नहीं है। भारत के इस रुख की रूस और यूक्रेन दोनों में सराहना हुई है। रूस जहां भारत का पुराना मित्र है, वहीं यूक्रेन से भी भारत के दो दशक से अधिक समय से अच्छे संबंध हैं। भारत इस मामले में अमेरिका, यूरोप या ब्रिटेन के साथ खड़ा नहीं होकर तटस्थ रुख अपना रहा है, जो लगातार रुस के कदम की निंदा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत इस पूरे प्रकरण में अपने कूटनीतिक नफा-नुकसान का आकलन कर आगे बढ़ रहा है।
उम्मीद...युद्ध जैसे हालात नहीं बनेंगे
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत को उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात नहीं बनेंगे। भारत का मानना है कि दोनेत्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र देश के रूप में रूस द्वारा मान्यता दिए जाने की प्रक्रिया के बीच अभी तक हालात नहीं बिगड़े हैं। रूस के इस कदम के बाद अमेरिका और यूरोप की तरफ से प्रतिबंध लगाने को भी एक स्वभाविक घटना के रूप में देखा जा रहा है, इससे युद्ध के हालात पैदा होने की आशंका नहीं है।
हमले की आशंका हुई कम
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है, विद्रोहियों के कब्जे वाले हिस्से को अलग देश बना दिए जाने से रूस के यूक्रेन पर हमले की आशंका अब कम हो गई है। लेकिन यदि यूक्रेन कोई जवाबी कार्रवाई करता है, तो फिर उसे रूस के हमले का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इसके बावजूद नाटो सेनाओं के यूक्रेन के समर्थन में रूस पर हमला करने की आशंका नहीं है। अलबत्ता वे हथियारों या अन्य तरीकों से यूक्रेन की मदद कर सकते हैं।
भारत लौटने के लिए सिर्फ 400 लोगों ने संपर्क किया
विदेश मंत्रालय की ओर से यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के लिए स्वदेश वापसी के लिए कहा जा रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में भारतीयों की लौटने की दिलचस्पी नहीं है। अभी तक विदेश मंत्रालय को सिर्फ 400 लोगों ने संपर्क किया है। 315 लोगों ने फोन और 80 लोगों के ई-मेल आए हैं, जिन्होंने भारत लौटने की इच्छा जताई है। जबकि यूक्रेन में 18 हजार मेडिकल छात्रों के सहित करीब 20 हजार भारतीय रहते हैं। सूत्रों ने कहा, यूक्रेन की राजधानी कीव से पूरे सप्ताह के दौरान भारत के लिए सीधे या वाया करीब 10 फ्लाइंटें हैं। इसलिए जो आना चाहता है, उसके लिए कोई दिक्कत नहीं है।


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