x
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की हत्या करने के लिए 400 रूसी आतंकियों को अफ्रीका से बुलाकर कीव भेजा गया है
नई दिल्ली, एजेंसी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की हत्या करने के लिए 400 रूसी आतंकियों को अफ्रीका से बुलाकर कीव भेजा गया है। ब्रिटेन के अखबार डेली मेल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर 'वैग्नर ग्रुप' नामक निजी आतंकी संगठन के लोगों को यह काम सौंपा गया है।
ब्रिटिश अखबार टाइम्स के मुताबिक जेलेंस्की के साथ ही उनकी सरकार के 23 अन्य सरकारी कर्मचारियों की भी हत्या करने की साजिश रची गई है। ऐसा करने से रूस को पूर्वी यूरोपीय पड़ोसी यूक्रेन पर कब्जा करने में आसानी होगी। कथित रूप से 'किराये की सेना' को चलाने वाला एलीट लड़ाका येवगेनी प्रिगोजिन है। यह रूस के राष्ट्रपति पुतिन का करीबी होने के साथ आमतौर पर 'पुतिन का शेफ' कहलाता है। वह पांच हफ्ते पहले ही अफ्रीका से उड़ान भर चुका है और उसे इस मिशन के लिए भारी रकम चुकाई जा चुकी है।
बताया जाता है कि सर्वाधिक प्रशिक्षित पुतिन की इस सेना को क्रेमलिन से हरी झंडी मिलने का इंतजार भर है। उनके पास पहले से हिट लिस्ट मौजूद है जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का नाम सबसे ऊपर है। उनके अलावा मारे जाने वालों की सूची में उनकी पूरी कैबिनेट के साथ ही कीव के मेयर विताली क्लीतोस्चको और उनके भाई व्लादिमीर का नाम भी शामिल है। यह दोनों ही बाक्सिंग चैम्पियन रह चुके हैं। इस साजिश को इसलिए अंजाम नहीं दिया जा सका क्योंकि इसकी भनक शनिवार की सुबह ही यूक्रेन सरकार के बड़े नेताओं को लग गई।
इसलिए राजधानी कीव में तत्काल 36 घंटे का कफ्र्यू लगा दिया गया। साथ ही सभी नागरिकों को घरों के अंदर ही रहने की सख्त हिदायत दी गई ताकि यूक्रेन के सैनिक रूसी आतंकियों की तलाश कर सकें। नागरिकों से कहा गया कि अगर वह कफ्र्यू के दौरान बाहर निकले तो उनकी जान को खतरा है। टाइम्स के मुताबिक वैग्नर ग्रुप के दो हजार से चार हजार आतंकी तो जनवरी में ही यूक्रेन पहुंच गए थे। लेकिन उन्हें अलग-अलग अभियानों के लिए भेजा गया था। इनमें से कुछ को यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में विद्रोही इलाके डोनेटस्क और लुहंस्क भेजा गया था, जबकि बेलारूस के रास्ते कीव पहुंचे 400 आतंकियों को जेलेंस्की को मारने का जिम्मा सौंपा गया है।
यह आतंकी समूह लगातार जेलेंस्की के छिपने के ठिकाने की तलाश में जुटा हुआ है। एक अन्य सूत्र ने दावा किया है कि पुतिन इस हफ्ते जब तक जेलेंस्की के साथ शांति वार्ता पूरी नहीं कर लेते उन्हें रुकने की हिदायत दी गई है। उन्हें यह भी पता चला है कि पुतिन का शांति स्थापित करने का कोई इरादा नहीं है। बेलारूस की सीमा पर की जाने वाली वार्ता एक छलावा भर है।
Next Story