यूक्रेन में युद्ध के दौरान मारे गए रूसी सैनिकों की लाशें राजधानी के बाहरी इलाके में एक रेल यार्ड में खड़ी वातानुकूलित रेलगाड़ी में रखी गई हैं। इनमें सैकड़ों अन्य लोगों के भी शव हैं, जो अपने परिवारों तक भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर कीव क्षेत्र से लाए गए हैं, जबकि बाकी चेर्नोहीव और अन्य इलाकों से। सिर से पैर तक सुरक्षात्मक सूट पहने चीफ सिविल-मिलेट्री लाइजन ऑफिसर वोल्दोमीर लेमजिन ने कहा, अन्य क्षेत्रों में स्टेशनों पर खड़ी वातानुकूलित ट्रेनों को भी इसी काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
अब तक किसी भरोसेमंद सूत्र से यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि जंग में रूस के कितने सैनिक मारे गए हैं, लेकिन यह साफ है कि राष्ट्रपति पुतिन के लिए यह कड़वा अनुभव रही है। एक दिन पहले ही यूक्रेन ने दोनबास क्षेत्र में एक नदी का चित्र जारी किया था, जिसे पार करने का प्रयास करते रूस के बख्तरबंद दस्ते को हमला कर नष्ट कर दिया गया था। मुख्य लड़ाई अब दोनबास इलाके में चल रही है। ब्रिटेन ने पंटून पुल के माध्यम से नदी पार करने का प्रयास करते बख्तरबंद दस्ते पर हमले की जानकारी दी है।
नाटो ने सीमा के पास परमाणु ढांचा खड़ा किया तो एहतियाती कदम उठाएगा रूस
रूस के विदेश उपमंत्री एलेक्जेंडर गुरश्को ने चेतावनी दी है कि नाटो देशों ने उनकी सीमा के करीब परमाणु ढांचा खड़ा किया या विशेषज्ञ सैनिकों की तैनाती की तो रूस सावधानी के नाते पर्याप्त एहतियाती कदम उठाएगा। इंटरफैक्स एजेंसी ने गुश्को के हवाले से कहा, इन हालात में जवाब देना जरूरी होगा। फिनलैंड और स्वीडन के प्रति रूस की कोई दुर्भावना नहीं है।
इन दोनों देशों के नाटो का सदस्य बनने का कोई वास्तविक कारण नहीं है। उन्होंने क्रेमलिन के पुराने वक्तव्य को दोहराया कि नाटो के संभावित विस्तार पर रूस की प्रतिक्रिया इस बात पर निर्भर करेगी कि वह उसकी सीमा के करीब कैसा सैन्य ढांचा खड़ा करता है। फिनलैंड ने शुक्रवार को नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन की घोषणा की थी। स्वीडन के भी उसका अनुसरण करने की संभावना है।
सात लाख से ज्यादा यूक्रेनी शरणार्थी पहुंचे जर्मनी
यूक्रेन में युद्ध के बाद उपजी दुश्वारियों के कारण अब तक सात लाख से ज्यादा शरणार्थी जर्मनी पहुंच चुके हैं। वाल्ट एम सोंटाग अखबार ने गृहमंत्रालय के हवाले से यह खबर छापी है। 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से 11 मई तक जर्मनी में विदेशियों के लिए बने केंद्रीय रजिस्टर में 7,27,205 लोगों के नाम दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 93 प्रतिशत के पास यूक्रेन की नागरिकता है। इनमें 40 प्रतिशत के करीब महिलाएं और बच्चे हैं।
अमेरिका-आसियान के साझा बयान में यूक्रेन की अखंडता का समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट नेशंस (आसियान) के साथ बैठक से दोनों के संबंधों में नया युग शुरू हुआ है। दो दिन चली बैठक के बाद 10 सदस्यीय आसियान और अमेरिका ने 28 सूत्री वक्तव्य जारी किया। यूक्रेन पर उन्होंने संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की बात कही। हालांकि वक्तव्य ने 24 फरवरी को आक्रमण करने के लिए रूस की नाम लेकर निंदा नहीं की।
जी-7 ने चेताया, यूक्रेनी अनाज नहीं पहुंचा तो पांच करोड़ लोगों को घेरेगी भुखमरी
जी-7 देशों ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन में युद्ध के कारण पूरी दुनिया में खाद्यान्न और ऊर्जा संकट खड़ा हो जाएगा, जो गरीब देशों के लिए खतरा है। इसलिए यूक्रेन के खाद्यान्न भंडार तत्काल खोलने की जरूरत है। जी-7 देशों के राजनयिकों की मेजबान जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने कहा, युद्ध वैश्विक संकट बन गया है। यूक्रेन से अनाज पहुंचाने का रास्ता नहीं निकाला गया तो आने वाले महीनों में खासकर अफ्रीका और मध्य पूर्व में पांच करोड़ लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ेगा।
तीन दिवसीय बैठक के बाद जारी वक्तव्य में जी-7 ने कमजोरों तक मानवीय सहायता पहुंचाने की शपथ ली। साथ ही, जी-7 ने चीन को चेतावनी दी कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को माने और आक्रमण को सही न ठहराए। उन्होंने कहा, चीन को भी युक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए युद्ध में रूस की मदद नहीं करनी चाहिए।