विश्व
यूक्रेन पर हमला, पेरिस के म्यूजियम ने हटाई पुतिन की मूर्ति
Bhumika Sahu
4 March 2022 6:12 AM GMT
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पेरिस के ग्रीवां संग्रहालय ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक मोम की प्रतिमा को हटा दिया है. संग्रहालय का कहना है कि यूक्रेन पर पुतिन के हमले के विरोध में मूर्ति को हटाया गया.ग्रीवां संग्रहालय का कहना है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने हाल के दिनों में पुतिन की प्रतिमा को तोड़ने की कोशिश की है, जिससे उसे नुकसान पहुंचा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पेरिस के ग्रीवां संग्रहालय ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक मोम की प्रतिमा को हटा दिया है. संग्रहालय का कहना है कि यूक्रेन पर पुतिन के हमले के विरोध में मूर्ति को हटाया गया.ग्रीवां संग्रहालय का कहना है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने हाल के दिनों में पुतिन की प्रतिमा को तोड़ने की कोशिश की है, जिससे उसे नुकसान पहुंचा है. पुतिन की यह मोम की प्रतिमा साल 2000 में बनाई गई थी. अब इस प्रतिमा को म्यूजियम के गोदाम में रखा गया है. ग्रीवां संग्रहालय ने यह भी कहा कि वह पुतिन की प्रतिमा को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की मूर्ति से बदल सकता है.
ग्रीवां संग्रहालय के निदेशक इवेज डेलोमिओ ने फ्रांसीसी रेडियो ब्लू को बताया, "पुतिन जैसे व्यक्ति के चरित्र को दुनिया के सामने पेश करना हमारे लिए संभव नहीं है. संग्रहालय के इतिहास में पहली बार हम हाल की ऐतिहासिक घटनाओं के कारण ऐसा कर रहे हैं" उन्होंने बताया कि सप्ताहांत में संग्रहालय पहुंचे दर्शकों ने प्रतिमा पर हमले किए और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया. उन्होंने कहा, "जो हुआ उसके परिणामस्वरूप, हमने और हमारे कर्मचारियों ने फैसला किया कि हम इस प्रतिमा के बाल और इसकी स्थिति को रोज-रोज ठीक नहीं कर सकते" संग्रहालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह साफ नहीं है कि पुतिन की प्रतिमा को प्रदर्शनी में कब दोबारा लगाया जाएगा. किसी वॉर फिल्म जैसा दिखने लगा है यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर खारकीव "हीरो बन गए जेलेंस्की" संग्रहालय में पुतिन की प्रतिमा को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रखा गया था. संग्रहालय के निदेशक से जब यह पूछा गया कि अब पुतिन की मूर्ति की जगह कौन लेगा, तो डेलोमिओ ने कहा कि शायद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की.
उन्होंने कहा, "शायद राष्ट्रपति जेलेंस्की की प्रतिमा को पुतिन की मूर्ति से बदल दिया जाएगा. वह विरोध जारी रख और अपने देश से नहीं भागकर हीरो बन गए हैं. वे दुनिया के इतिहास में आज की तारीख में अपने लिए जगह बना सकते हैं" 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया को यूक्रेन से अलग करने के बाद एक महिला ने इस प्रतिमा पर हमला किया था और मूर्ति के सिर पर चाकू से वार किया था. यूक्रेन पर हमले के साथ ही दुनियाभर में यूक्रेन के समर्थन में प्रदर्शनों का दौर जारी है. लोग रूस से हमले रोकने के लिए कह रहे हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले की चौतरफा निंदा हो रही है.
पश्चिम देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं लेकिन पुतिन इन प्रतिबंधों के दबाव में फिलहाल आते नहीं दिख रहे हैं. 2014 में रूस ने जब क्रीमिया को यूक्रेन से अलग कर अपने साथ मिला लिया तभी से उस पर प्रतिबंधों का दौर शुरू हो गया था. इसके बाद रूसी राष्ट्रपति के आलोचक आलेक्सी नावाल्नी को 2020 में जहर देने के बाद ये सिलसिला और आगे बढ़ा था. यूक्रेन पर हमले के कारण रूस पर लगे प्रतिबंधों का जर्मनी को भी होगा तगड़ा नुकसान पुतिन ने यूक्रेन पर हमला कर दावा किया कि सैन्य ऑपरेशन का लक्ष्य नागरिकों की रक्षा करना और यूक्रेन का "विसैन्यीकरण" सुनिश्चित करना है. एए/वीके (रॉयटर्स).
Bhumika Sahu
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