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लंदन । यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की बड़ी उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब ब्रिटेन ने साफ-साफ कह दिया कि जब सभी सहयोगी सहमत होंगे और शर्तें पूरी होंगी तब यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाया जाएगा। हालांकि राष्ट्रपति जेलेंस्की लिथुआनिया के विनियस में नाटो देशों द्वारा आयोजित मीटिंग में इसी उम्मीद के साथ शामिल हुए थे। गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन का युद्ध 500 दिनों के बाद भी चल रहा है। युद्ध के बीच नाटो देशों ने लिथुआनिया के विनियस में मीटिंग की। इस मीटिंग में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की बड़ी उम्मीदों के साथ पहुंचे थे। उन्हें उम्मीद थी कि रूस के साथ युद्ध खत्म होने के बाद उनके देश को नाटो में शामिल होने का आश्वासन मिलेगा। वह चाहते थे कि नाटो की सदस्यता उनके लोगों के लिए आशा की किरण बन जाए। अगर ऐसा होता तो फिर रूस की सेना को यूक्रेन की धरती पर हमला करने से रोका जा सकता था। लेकिन यहां जेलेंस्की से कहा गया कि जब सभी सहयोगी सहमत होंगे और शर्तें पूरी होंगी तब सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
इस तरह से नाटो की तरफ से यूक्रेन को शामिल करने की कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखी। नाटो के इस रुख पर यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि नाटो नेताओं की ओर से टाइम टेबल की भी जानकारी न देना बेतुका है। हालांकि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जब नाटो नेताओं से आमने-सामने मुलाकात की तो बड़े-बड़े आश्वासन मिले। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि यूक्रेन नाटो में है। नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि बुधवार को वह बराबरी से मिले हैं, लेकिन भविष्य में सहयोगी की तरह मिलेंगे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन सही दिशा में बढ़ रहा है। ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वालेस ने कहा कि शिखर सम्मेलन से नाटो को एक सांस्कृतिक स्वीकृति मिल गई है। कोई भी देश यह नहीं पूछ रहा कि क्या यूक्रेन को इसमें शामिल होना चाहिए, सब बस पूछ रहे हैं कि कब होना चाहिए। जी-7 देशों के नेताओं ने यूक्रेन के लिए सैन्य और आर्थिक समर्थन के एक नए पैकेज पर सहमत होने का आश्वासन दिया है।
हालांकि जी-7 से मिले समर्थन में एयर डिफेंस, लंबी दूरी की मिसाइलें, अधिक प्रशिक्षण और खुफिया जानकारी शामिल है। जिसे जेलेंस्की एक महत्वपूर्ण जीत मानते हैं। हर ओर से मिल रहे पॉजिटिव रिस्पॉन्स के बीच बेन वालेस ने यूक्रेन को झटका देने वाला बयान दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यूक्रेन को पहले से जो समर्थन मिला है उसके लिए और ज्यादा आभार व्यक्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को उन घरेलू राजनीतिक दबावों को बेहतर ढंग से समझने का प्रयास करना चाहिए जो देशों खासकर अमेरिका को सैन्य सहायता देनें में बाधक हैं। अमेरिका या ब्रिटेन शॉपिंग वेबसाइट अमेजन की शाखा नहीं है, जहां हथियारों की लिस्ट लेकर पहुंचा जाए और डिमांड की जाए। यह टिप्पणी इतनी गैर-राजनयिक थी, कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन हमेशा आभारी रहा है।
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