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अभियान कोविड-19 के काफी तेजी से फैलने वाले स्वरूप को नियंत्रण कर सके।
ब्रिटेन में कोरोना का कहर अब भी जारी है। ब्रिटेन में लगातार लॉकडाउन के बावजूद मार्च के बाद पहली बार दैनिक कोविड मामले एक सप्ताह में 49 फीसदी बढ़कर 5,000 से ऊपर हो गए हैं और 18 मौतें हुईं हैं। वहीं राहत की बात यह है कि आधे वयस्कों को अब तक पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है।
ब्रिटेन ने बुधवार को दो महीने से अधिक समय में पहली बार 5,000 से अधिक कोविड मामले दर्ज किए, जबकि 18 और लोगों की वायरस से मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने खुलासा किया कि बुधवार को कोरोना के 5,274 नए मामले सामने आए, जो 26 मार्च के बाद से एक दिन में सबसे अधिक संख्या है। जबकि देश बहुत सख्त लॉकडाउन नियमों के अधीन है। यह पिछले गुरुवार को दर्ज किए गए आंकड़े पर 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
बुधवार को कोरोना से मौत पिछले सप्ताह की तुलना में 80 प्रतिशत अधिक है, पिछले सप्ताह यह संख्या 10 थी, हालांकि यह संख्या बैंकों के सप्ताहांत अवकाश और रिपोर्टिंग में देरी के कारण सामान्य से अधिक हो सकते हैं।
वहीं सोमवार को मार्च 2020 के बाद से पहली बार देश में कोविड-19 से मौत की संख्या शून्य दर्ज की गई थी। महामारी शुरू होने के बाद पहली बार ऐसा हुआ, जिसे सरकार और स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने सबूत के रूप में पेश किया कि टीकाकरण ने कोरोना से उत्पन्न हुए सबसे खराब संकट को टाल दिया है।
बता दें कि कोविड मृतकों के मामले में ब्रिटेन दुनिया में पांचवें स्थान पर है लेकिन मार्च 2020 के बाद सोमवार को पहली बार ऐसा हुआ जब देश में पिछले 28 दिनों में कोविड से एक भी मौत नहीं हुई है। ब्रिटेन में सोमवार को कोरोना वायरस के खिलाफ होने वाली मौत शून्य हो गई, यहां बीते 28 दिनों में कई पॉजिटिव मामले तो सामने आए लेकिन इस बीच किसी कोविड मरीज की मौत नहीं हुई।
अत्यधिक संक्रामक डेल्टा का परिणाम
सरकार की ओर से बताया गया कि संक्रमण की बढ़ती संख्या अत्यधिक संक्रामक डेल्टा का परिणाम है जो ब्रिटेन में प्रभावी हो गया है और चार नए मामलों में तीन से अधिक के लिए जिम्मेदार है। सरकार ने खुलासा किया कि इन सबके बीच राहत की बात यह है कि ब्रिटेन में सभी वयस्कों में से आधे को अब कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। टीके की दो खुराक नए स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है और यह अधिकांश लोगों को कोविड के साथ बीमार होने या मौत होने से रोकती है।
लगभग छह महीने पहले टीकाकरण शुरू होने के बाद से अब तक कुल 2,64,22,303 लोगों को दूसरी खुराक वितरित की जा चुकी हैं। यह 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों के 50.2 प्रतिशत के बराबर है। ब्रिटेन में मोटे तौर पर 75.5 प्रतिशत वयस्कों को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है।
इस बीच, ब्रिटेन पब्लिक हेल्थ की साप्ताहिक कोविड रिपोर्ट में पाया गया कि ब्रिटेन के हर क्षेत्र और हर आयु वर्ग में 20 वर्ष तक के लोगों में संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई है।
योजना के अनुसार 21 जून को लॉकडाउन को समाप्त करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं, इस बारे में मंत्री अभी चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि एक 'अच्छा संकेत' था कि अस्पताल में भर्ती होने वालों में टीका लगवा चुके लोगों की संख्या बहुत ही कम है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार दैनिक मामलों के स्तर पर कड़ी नजर रख रही है, लेकिन जोर देकर कहा कि 'वास्तव में यह मायने रखता है' कि कितने लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं और बीमारी से मर जाते हैं और टीकाकरण के बाद इनकी संख्या में कितनी कमी होती है।
इस बीच ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने सरकार से गुजारिश की है कि 21 जून को लॉकडाउन हटाने की योजना को थोड़ा आगे बढ़ा दिया जाए, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर का खतरा है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के वैज्ञानिक रवि गुप्ता ने कहा कि देश में अभी संक्रमण दर कम है, लेकिन भारत में पहली बार सामने आए बी1.617.2 स्वरूप ज के मामलों में हाल के दिनों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस स्वरूप को 'डेल्टा' का नाम दिया गया है।
उन्होंने सलाह दी कि 21 जून को लॉकडाउन हटाने की योजना को कुछ और हफ्तों के लिए टाल दिया जाए ताकि टीकाकरण अभियान कोविड-19 के काफी तेजी से फैलने वाले स्वरूप को नियंत्रण कर सके।
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