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ब्रिटेन ने कोरोना वायरस एंटीवायरल दवा को मंजूरी प्रदान की

Neha Dani
4 Nov 2021 2:01 PM GMT
ब्रिटेन ने कोरोना वायरस एंटीवायरल दवा को मंजूरी प्रदान की
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मध्यम लक्षण वाले कोरोना संक्रमित वयस्कों का इलाज किया जा सके, जिन्हें गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने का खतरा है।

ब्रिटेन ने मर्क के कोरोना वायरस एंटीवायरल दवा को एक सशर्त मंजूरी प्रदान किया है। यह कोरोना के उपचार में प्रभावी मानी जा रही विश्व की पहली एंटीवायरल दवा है। ब्रिटेन इसके इस्तेमाल को मंजूरी देने वाला पहला देश है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह दवा कितनी जल्दी उपलब्ध होगी। इसे कोरोना से संक्रमित 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों पर इस्तेमाल के लिए अनुमति दी गई है।

मोलनुपिरवीर नामक यह दवा को हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों को पांच दिनों तक दिन में दो बार लेना होगा, जिन्हें गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा है। यह एंटीवायरल दवा लक्षणों को कम करती है और रिकवरी बढ़ा देती है। इससे अस्पतालों में केसलोड को कम करने और कमजोर स्वास्थ्य सुविधा वाले गरीब देशों में प्रकोप को रोकने में मदद मिल सकती है।
बता दें कि दुनियाभर में कोरोना टीकाकरण जारी है। इस बीच यह दवा महामारी के खिलाफ लड़ाई में अहम साबित हो सकती है। मोलनुपिरवीर की अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों के नियामकों में भी समीक्षा लंबित है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह नवंबर के अंत में इस दवा की सुरक्षा और प्रभावशीलता की जांच के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों का एक पैनल बनाएगा।
मोलनुपिरवीर की शुरुआत में आपूर्ति सीमित होगी। मर्क ने कहा है कि वह साल के अंत तक 1 करोड़ कोर्स डोज तैयार कर सकता है। कई देशों ने पहले ही इसे खरीद लिया है। अक्टूबर में ब्रिटेन के अधिकारियों ने घोषणा की थी कि उन्होंने मोलनुपिरवीर के 480,000 कोर्स लिए है। साथ ही उसने उम्मीद जताई कि इस सर्दी में हजारों ब्रिटिश नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा।
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा का जिक्र करते हुए डाक्टरों ने कहा कि उपचार उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा, जिनपर कोरोना टीका प्रभावी नहीं पाया गया है। मर्क और उसके पार्टनर रिजबैक बायोथेराप्यूटिक ने दुनियाभर के ड्रग रेगुलेटर्स को दवा को मंजूरी देने का अनुरोध किया है, ताकि हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोरोना संक्रमित वयस्कों का इलाज किया जा सके, जिन्हें गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने का खतरा है।
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