विश्व

बिना खाना-पानी के जानवरों की तरह उइगुरों की कराई जाती है यात्रा...व्हिसलब्लोअर ने खोले राज

Gulabi
11 Oct 2021 3:44 PM GMT
बिना खाना-पानी के जानवरों की तरह उइगुरों की कराई जाती है यात्रा...व्हिसलब्लोअर ने खोले राज
x
उइगुरों की कराई जाती है यात्रा

चीन (China) किस तरह से शिनजियांग (Xinjiang) में उइगर मुस्लिमों (Uyghur Muslims) के साथ अत्याचार करता है, इस बारे में हमेशा ही जानकारी सामने आती रहती है. इसी कड़ी में एक बार फिर कुछ चौंकाने वाली जानकारी का पता चला है. दरअसल, एक पूर्व पुलिस अधिकारी होने का दावा करने वाले एक चीनी व्हिसलब्लोअर ने बताया है कि कैसे सैकड़ों उइगर मुसलमानों को भीड़-भाड़ वाली जेल की ट्रेनों में यात्रा करने के लिए मजबूर किया जाता है. साथ ही उसने बताया है कि किस तरह से उइगर लोगों को शिनजियांग प्रांत के 'री-एजुकेशन सेंटर्स' में टॉर्चर किया जाता है.


ब्रिटिश न्यूज चैनल स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हिसलब्लोअर ने कहा कि चीन के अन्य हिस्सों से उइगरों को शिनजियांग लाने के लिए मालगाड़ियों का इस्तेमाल किया गया. पूर्व पुलिस अधिकारी ने बताया कि पानी के नाम पर सिर्फ बोतल के ढक्कन और बिना भोजन के लगभग 500 उइगर मुस्लिमों को एक बार में मालगाड़ियों वाले स्टेशनों से भेजा गया. हर मालगाड़ी में 100 से अधिक उइगरों को शिनजियांग ले जाया गया. रिपोर्ट में जियांग के रूप में पहचान उजागर करने वाले व्यक्ति ने कहा, 'हम उइगरों को इकट्ठा करते थे, उनके सिर को ढक देते थे. दो लोग उन्हें हथकड़ी पहनाते थे, ताकि उन्हें भागने से रोका जा सके.'

उइगुरों की ड्रोन फुटेज को लेकर भी की बात
जियांग ने आगे बताया, 'व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम उन्हें शौचालय भी नहीं जाने देते थे. उन्हें डेस्टिनेशन पर जाने में दो दिन लगते थे.' चीनी व्हिसलब्लोअर ने 2019 के एक ड्रोन फुटेज के बारे में भी बात की. इस फुटेज में उइगरों को आंखों पर पट्टी बांधे और कैदियों को ट्रेन से उतारते हुए देखा गया. इस दौरान देखा गया कि उनका सिर मुंडा हुआ था. उन्होंने कहा कि वीडियो से पता चलता है कि कैदियों की अलग अलग वर्दियों को देखकर ये लगता है कि उन्हें विभिन्न केंद्रों से एक बड़ी सेंट्रल फैसिलिटी में ले जाया गया. जियांग ने स्काई न्यूज को बताया कि उन्होंने एक सैनिक के रूप में सेवा करने के बाद एक स्थानीय सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो में जासूस के रूप में काम किया.

चीन ने आरोपों से किया इनकार
हालांकि, बीजिंग में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस बारे में जब सवाल किया गया तो चीनी सरकार ने आरोपों से इनकार कर दिया. शिनजियांग सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि तथाकथित स्थानीय पुलिसकर्मी के खुलासे सच नहीं हैं. रिपोर्ट में प्रवक्ता एलिजान अनायत के हवाले से कहा गया है, 'चीन कानून द्वारा शासित देश है. पुलिस प्रासंगिक पीआरसी कानूनों के अनुसार अपराधों से निपटती है. लोगों को अवैध रूप से कैद करना और लोगों को एक बयान देने के लिए मजबूर करना और प्रताड़ित करना मना है. पुलिस को सभी संदिग्धों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए.'
Next Story