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उबर के सीनियर ऑफिसर मार्क मैकगैन ने खोली कंपनी की पोल, बताए गहरे 'राज'!

Neha Dani
12 July 2022 3:08 AM GMT
उबर के सीनियर ऑफिसर मार्क मैकगैन ने खोली कंपनी की पोल, बताए गहरे राज!
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पूर्व बॉस ट्रैविस कलानिक के जाने के बाद से बदल गई थीं.

ऐप बेस्ड कैब सर्विस प्रोवाइडर उबर एक बार फिर विवादों में है. पूरी दुनिया में उबर फाइल्स लीक के चर्चे हो रहे हैं. हर कोई इस फाइल्स में मौजूद चीजों पर बात कर रहा है, लेकिन इसी के साथ ही लोग यह भी जानना चाह रहे हैं कि आखिर इसे लीक करने के पीछे किसका हाथ है, कौन है जिसकी वजह से यह फाइल बाहर आ पाई. इन उठते सवालों के बीच सोमवार को मार्क मैकगैन नाम सामने आया. मार्क मैकगैन पूर्व में उबर में टॉप पोस्ट पर रह चुके हैं. सोमवार को उन्होंने खुद को उबर फाइल्स लीक के स्रोत के रूप में पेश किया. बता दें कि उबर फाइल्स लीक से खुलासा हुआ है कि कंपनी ने दुनियाभर में खुद को स्थापित करने और जांच से बचाने के लिए कैसे-कैसे हथकंडे अपनाए.


कई देशों में कंपनी को कर रहे थे लीड

उबर के वैश्विक स्तर पर प्रभुत्व हासिल करने की खबर के अगले दिन ही मैकगैन ने ब्रिटिश अखबार द गार्जियन के जरिये कंपनी से जुड़े वो दस्तावेज लीक कर दिए, जिसमें उसके द्वारा की गई सारी गड़बड़ियों का जिक्र था. मैकगैन ने 2014 और 2016 के बीच यूरोप, अफ्रीका और मध्य पूर्व में उबर की पैरवी के प्रयासों की अगुवाई की थी. मैकगैन ने यूके के इस अखबार को बताया कि, उन्होंने कंपनी के खिलाफ जाकर सच बोलने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उनका मानना ​​​​था कि उबर ने दर्जनों देशों में कानून तोड़ा है और लोगों को गुमराह किया है. कंपनी ने लोगों को अपने बिजनेस मॉडल को लेकर गलत जानकारी दी है.

इसलिए अचानक सच बताने का किया फैसला

द गार्जियन को दिए इंटरव्यू में 52 साल के मैकगैन ने बताया कि, "मैं ही सरकारों से बात कर रहा था, मैं ही मीडिया के साथ चीजों को डील कर रहा, मैं लोगों से भी कह रहा था कि उन्हें नियम बदलना चाहिए क्योंकि ड्राइवरों को लाभ मिल रहा था. लेकिन जब यह मामला नहीं निकला तो मुझे लगा कि सच सामने लाना चाहिए. हमने वास्तव में लोगों को झूठ बेच दिया था. ऐसी स्थिति में अगर आप खड़े नहीं होते हैं तो आप अपना योगदान नहीं दे सकते हैं?"

क्या है उबर फाइल्स

दरअसल, उबर फाइल्स एक 182GB का डेटा लीक है जो ब्रिटेन के अखबार 'द गार्जियन' को मिला है. ये डाटा 2013 से 2017 के बीच का है और इसमें कंपनी के आंतरिक ईमेल, मेमो, वॉट्सएप चैट और प्रजेंटेशन आदि से संबंधित 1.24 लाख रिकॉर्ड मौजूद हैं. इन दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि कैसे उबर ने अपना बिजनेस दुनिया में बढ़ाने के लिए अनैतिक तरीके अपनाए और कानूनों का उल्लंघन किया. यह डेटा 30 देशों का है. इन दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी ने शुरुआत में संबंधित देश में सरकार का समर्थन हासिल करने और नियामक अधिकारियों से बचने के लिए ड्राइवरों के खिलाफ टैक्सी उद्योग की कभी-कभी की गई हिंसक प्रतिक्रिया का भी लाभ उठाया. हालांकि उबर ने इस तरह के सभी आरोपों का खंडन किया है. कंपनी का कहना है कि यह सारी चीजें पूर्व बॉस ट्रैविस कलानिक के जाने के बाद से बदल गई थीं.

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