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सरकारी न्यूज एजेंसी डब्ल्यूएएम ने अपनी रिपोर्ट में मंत्राहाउती विद्रोहियों की 2 बैलिस्टिक मिसाइलों को यूएई ने मार गिराया
दुबई, पीटीआइ। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सोमवार को राजधानी अबूधाबी की तरफ छोड़ी गईं हाउती विद्रोहियों की दो बैलिस्टिक मिसाइलों को पता लगाकर नष्ट कर दिया। यूएई के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है। बैलिस्टिक मिसाइलों के अवशेष अबूधाबी के आसपास अलग-अलग इलाकों में गिरे। मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'वायु सुरक्षा प्रणाली ने हाउती विद्रोहियों द्वारा देश की ओर दागी गईं दो बैलिस्टिक मिसाइलों को पता लगाकर मार गिराया।'
यूएई ने कहा- नहीं बख्शेंगे
सरकारी न्यूज एजेंसी डब्ल्यूएएम ने अपनी रिपोर्ट में मंत्रालय के हवाले से कहा कि यूएई किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। यूएई ने यमन के हाउती विद्रोहियों को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि निशाना बनाकर किए गए इस हमले के लिए उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
हफ्ते भर पहले हुए ड्रोन हमले में मारे गए थे दो भारतीय
हाउती विद्रोहियों ने 17 जनवरी को अबूधाबी के मुसाफ्फा आइसीएडी-3 क्षेत्र व अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण क्षेत्र पर ड्रोन हमले किए थे। तीन पेट्रोलियम टैंकर में हुए विस्फोट में दो भारतीय व एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि छह घायल हो गए थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अबूधाबी में हुए हमले की कड़ी निंदा की थी। यूएई सरकार ने इस हमले के कुछ दिनों बाद खाड़ी देश में निजी ड्रोन व हल्के स्पोर्ट्स विमानों के संचालन पर एक महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
अबूधाबी पर हमले के निहितार्थ
एएनआइ के अनुसार, यूएई ने यमन युद्ध में शामिल अपने लगभग सभी सैनिकों को जुलाई 2019 में वापस बुला लिया था, क्योंकि वह खुद को हमेशा से पर्यटन के अनुकूल व कारोबारी देश के रूप में प्रस्तुत करता रहा है। लेकिन, हाल ही में यूएई की वायुसेना ने हाउती विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों पर फिर से हमले शुरू कर दिए।
हमले के पीछे कहीं ईरान तो नहीं..?
विशेषज्ञों का मानना है कि हाउती विद्रोही अबूधाबी पर जवाबी हमले कर रहे हैं। 17 जनवरी को अबूधाबी पर हुए हाउती हमले के अगले ही दिन सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने यमन के हुदैदाह शहर में हवाई हमले किए थे, जिनमें 20 लोग मारे गए थे। गत शुक्रवार को भी सादा शहर में हुए हमले में कम से कम 82 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए थे। कुछ सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि ये हमले वास्तव में ईरान कर रहा है। हाउती विद्रोही तो सिर्फ इनकी जिम्मेदारी ले रहे हैं।
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