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UAE-इजराइल ईरान के खिलाफ एकजुट हुए, अचानक अबुधाबी पहुंचे नफ्टाली बेनेट

Renuka Sahu
13 Dec 2021 4:23 AM GMT
UAE-इजराइल ईरान के खिलाफ एकजुट हुए, अचानक अबुधाबी पहुंचे नफ्टाली बेनेट
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फाइल फोटो 

इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात साझा दुश्मन ईरान के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. 1948 में इजराइल के बनने के बाद से पहली बार कोई इजराइली प्रधानमंत्री ऑफिशियल विजिट पर यूएई आए हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इजराइल (Israel) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) साझा दुश्मन ईरान के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. 1948 में इजराइल के बनने के बाद से पहली बार कोई इजराइली प्रधानमंत्री ऑफिशियल विजिट पर यूएई आए हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट (Naftali Bennet) रविवार शाम अबुधाबी पहुंचे. सोमवार को उनकी मुलाकात अबुधावी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान (Sheikh Mohamed bin Zayed Al-Nahyan) के साथ होगी.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट (Naftali-Bennet)की इस विजिट के बाद सऊदी अरब (Saudi Arabia)भी जल्द ही इजराइल (Israel) के साथ कूटनीतिक रिश्ते बना सकता है. इजराइली प्रधानमंत्री के अधिकारियों ने कहा कि नफ्टाली बेनेट और मोहम्मद बिन जायद के बीच इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंधों को मजबूत करने पर बात होगी. दोनों विशेष रूप से आर्थिक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात करेंगे. माना जा रहा है कि बेनेट के इस यात्रा के दौरान सैन्य स्तर पर बड़े समझौते हो सकते हैं.
यूएई और इजराइल के बीच यह बैठक दुनिया की बड़ी शक्तियों और ईरान के बीच न्यूक्लियर डील पर चल रही बातचीत के बीच हो रही है. यूएई और इजराइल दोनों नहीं चाहते कि ईरान की पहुंच परमाणु शक्ति तक हो. इजराइल ने पहले ही कहा है कि वह ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकेगा. वहीं, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है.
बेनेट की विजिट से क्या हासिल होगा
इजराइल और UAE के बीच पिछले साल से ही बातचीत चल रही थी। माना जा रहा है कि बेनेट की इस यात्रा के दौरान मिलिट्री लेवल पर बड़े समझौते हो सकते हैं. दोनों देशों की नजर एटमी ताकत बनने की कोशिश कर रहे ईरान पर भी है. इजराइल इंटेलिजेंस पर भी UAE की बहुत मदद कर सकता है. जल्द ही सऊदी अरब भी इजराइल का दामन थाम सकता है, क्योंकि हर अरब देश ईरान को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है. गल्फ के सभी देशों में सुन्नी मुस्लिम हैं, जबकि ईरान शिया बहुल देश है.
हालांकि, यूएई की ओर से इजराइली प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर तत्काल कोई पुष्टि नहीं की गई. दोनों देशों की नजर ईरान पर है. दोनों नहीं चाहते कि ईरान परमाणु बम की शक्ति से लैस हो जाए. यूएई ने पिछले साल ही इजराइल को मान्यता दी थी. माना जा रहा है कि जल्द ही सऊदी अरब भी इजराइल को मान्यता दे सकता है. पिछले साल अमेरिका की मध्यस्थता में यूएई और इजराइल ने संबंधों को औपचारिक रूप दिया था. इसे अब्राहम समझौते के रूप में जाना जाता है. इस समझौते से पर्यटन और व्यवसाय से लेकर अत्याधुनिक तकनीक तक के कई सौदे हुए हैं.
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